मधेपुरा ब्यूरो/शनिवार की देर रात मधेपुरा सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक प्रभारी राज कुमार पूरी की देख रेख में यूथ जिलाध्यक्ष अंकित कश्यप ने एक यूनिट रक्तदान किया.
बताया जाता है कि टैक्स कंसुल्टेंट अंकित कश्यप विगत 2 वर्षो से अधिक समय से मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय के बैनर तले लगातार रक्तदान मुहिम चला रहे हैं. और खुद साल में तीन बार रक्तदान करते हैं कई रक्तदान कैंप लगा चुके हैं.
जब हमने अंकित कश्यप से पूछा रक्तदान मुहिम का विचार कहा से मिली और इनके क्या सब फायदे हैं तो बताया विगत तीन साल पहले वर्क स्ट्रेस के कारण ब्लड प्रेशर का प्रॉब्लम हो गया था। जिनके बाद डॉक्टर सलाह से दवाई लेने पर कंट्रोल हो गया लेकिन उसी दौरान छोटे भाई बीमार पड़ गए और 3 यूनिट रक्त की जरूरत पड़ी। तभी मुझे रक्त की जरूरत महसूस पड़ी क्योंकि रक्त कहीं उत्पादन हो कर दुकान में नहीं बिकता.तभी मैंने ठान लिया कि रक्तदान मुहिम चलाना हैं और खुद साल में कम से कम तीन बार रक्तदान करना हैं जिनसे मुझे बहुत से फायदे भी हुए.
क्योंकि विज्ञान के मुताबिक मनुष्य के शरीर में 3 महीने बाद ब्लड वैसे भी नष्ट हो जाता हैं और शरीर फ़िर एक नया ब्लड बनाता हैं इसलिए नष्ट होने से बेहतर हैं किसी के काम आ जाए इसी उदेश्य के साथ हमने मुहिम की शुरूवात प्रथम करोना काल में किया.
जिस समय संपूर्ण बिहार में ब्लड बैंक में ब्लड स्टॉक न के बराबर थी. इसका शुभारंभ मधेपुरा जिला इकाई से किया और देखते देखते माननीय राष्टीय अध्यक्ष रोहित कुमार सिंह के आह्वान पर मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय के बिहार के सभी जिला इकाई के अध्यक्ष द्वारा रक्तदान कैंप लगाया गया. जिसमें हम सफल हुए और माननीय राष्टीय अध्यक्ष की अध्यक्षता में हमारी संगठन प्रथम स्थान पर आई और भारत सरकार के नीति आयोग ने मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय को बिहार के मदर संगठन के नाम से नवाजा.
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