विष्णु कान्त चौधरी
कोसी टाइम्स@धमदाहा,पूर्णिया
बेमौसम आंधी व लगातार हुए बारिश की वजह से किसानो की जैसे कमर ही टूट गई ।बेमौसम हुए बारिश से किसानो को भारी क्षति हुई है ।प्रकृति की मार भी किसानो को ही झेलनी पड़ती है ।हजारों एकड़ में लगी फसल गेहूं ,सूर्यमुखी व मक्के पूरी तरह से नष्ट हो गया है । जिससे किसानो के आगे भुखमरी की समस्या आ गई है ।प्रखण्ड के कई किसानो संजय झा ,अनिल सिंह ,विनय शंकर ठाकुर, संजीव ठाकर ,अमरेंद्र झा ,युवराज यादव,शंकरनाथ ठाकुर ,राजू झा ,राकेश रंजन संजीव यादव ,दीपक सिंह ,कलाधर सिंह ,शिवकुमार सिंह ,बमबम सिंह ,मांस सिंह शक्तिधर सिंह ,रूपक सिंह,गोरो मण्डल ,महिंद्रा मण्डल आदि लोगों ने कहा कि बेमौसम आंधी बारिश ने किसानो को अधमरा कर दिया है । कई किसानो के पके हुए गेहूं खलिहान में ही सड गए तो सूर्यमुखी के पौधे टूटकर जमीन पर गिरे पड़े हैं तो सैकड़ों एकड़ में लगे मक्के की फसल टूटकर गिरे पड़े हैं । जिससे हमारी की पूंजी दुब गई है ।किसानो का कहना है कि हमलोग साहूकारों से कर्ज लेकर खेती किए है । अब हमारी फसल प्रकृति की भेंट चढ़ गई है एव भुखमरी की समस्या आन खड़ी है । ऐसे में हम साहूकारों का कर्ज कैसे चुकता कर पाएंगे ।
भाजपा मण्डल अध्यक्ष कुमार राघवेन्द्र सिंह ने किसानो की समस्या से अवगत हो सरकार से ग़ज़ल क्षति के मुआवजे की मांग रखी है ।श्री सिंह ने कहा कि किसान दिनरात एक कर मेहनत मजदूरी कर फसल लगाते हैं पर प्रकृति की मार भी किसानो को ही झेलनी पड़ती है । कभी सुखार ,आंधी ,तो कभी बाढ़ किसानो को और भी कमजोर कर देती है ।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी किसानो की अनदेखी कर उन्हें फटेहाल स्थिति में जीने को मजबूर कर देती है । देश में सत्तर प्रतिशत किसान हैं जो मेहनत मजदूरी कर फसल उगाते हैं पर किसानो के फसल के खरीददार नही मिलते । जिससे आने पौने दामो में किसानो को फसल बेचने पर मजबूर होना पड़ता है । सभी सरकारी योजना किसानो के लिए महज एक छलावा बनकर रह गया है । उन्होंने कहा कि प्रखण्ड के किसानो के लिए सरकारी सहायता नाम की कोई ब्यवस्था नही है और ना ही किसानो के फसल की खरीददारी ही सरकार के माध्यम से हो पाती है । ऐसे में किसान करे तो क्या करे उन्होंने प्रशासन से किसानो को हुए फसल क्षति का आकलन कर उचित मुआवजे दिए जाने की मांग रखी है ।
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