Kosi Times
तेज खबर ... तेज असर

ये हमारा Archieve है। यहाँ आपको केवल पुरानी खबरें मिलेंगी। नए खबरों को पढ़ने के लिए www.kositimes.com पर जाएँ।

- Sponsored -

- Sponsored -

- sponsored -

मधेपुरा : बेटियों की इज्जत दांव पर, सरकार की बेटी बचाओ अभियान साबित हो रहा है बेकार

- Sponsored -

मधेपुरा संवाददाता / गौरव कबीर उदाकिशुनगंज संवाददाता

उदाकिशुनगंज अनुमंडल क्षेत्र में इन दिनों बेटियां सुरक्षित नहीं दिख रही है।कहीं दर्ज़नो बदमाश के द्वारा 12 वर्षीय मासूम के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया जा रहा है तो कहीं घर मे घुसकर जबरन मारपीट की जा रही है।इतना ही नहीं बदमाशों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि घर मे हथियार लैस होकर बेटियों को उठाया जा रहा है।

मामले में पुलिस को सूचना देने के वावजूद कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है।पुलिस उल्टा पीड़ित परिजन के साथ अभद्र व्यवहार कर रही है।उदाकिशुनगंज अनुमण्डल के एसडीपीओ के द्वारा पीड़ित परिजनों को धक्का देकर भगा दिया जा रहा है।हद तो तब पार हो जाती है जब आरोपियों के साथ पुलिस सम्मान के साथ पेश आती है।छह माह से अधिक बीत जाने के वावजूद परिजन न्याय के लिए थाने का चक्कर काट रहे हैं।पुलिस कहीं पीड़ित परिजनों पर प्राथमिकी दर्ज कर रही है तो कहीं पर्यवेक्षण रिपोर्ट के नाम पर आरोपियों को बक्श दे रही है।

परिजन बदहवास हो चुके हैं।कानून व्यवस्था से पीड़ित परिजनों का भरोसा मानो उठ सा गया है।कईओं ने तो मुख्यमंत्री के सामने आत्मदाह करने की ठान ली है।अनुमण्डल क्षेत्र के लोगों ने अब भीतर भीतर सड़क पर उतरने की सोच रहे हैं।उदाकिशुनगंज अनुमंडल के एसडीपीओ पर्यवेक्षण रिपोर्ट के जरिए गुनाहगारों को बचाने का तरीका साहब बखूबी जानते हैं। इस तरीके को जानना हो तो कोई उदाकिशुनगंज के पुलिस अफसर से सीख ले। पर्यवेक्षण रिपोर्ट को लेकर उदाकिशुनगंज के एसडीपीओ सीपी यादव इन दिनों खासे सूर्खियों में है।

पिछले दिनों सीआईडी की टीम एसडीपीओ के कारनामों की जांच कर गए।वहीं मामले में एसडीपीओ के रीडर रंजीत कुमार जो पूर्व में भी रुपये लेनदेन के मामले में चर्चा में रहे हैं।उनकी भी शिकायत की गई है।उनपर कई आरोप लगाए गए हैं।शिकायतकर्ताओं ने आवेदन में रंजीत कुमार के मोबाइल नंबर का ज़िक्र करते हुए कहा है कि यदि उनके मोबाइल नंबर की जांच की गई तो कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।सीआईडी की टीम जदयू नेता हलधरकांत मिश्रा के शिकायत पर पहुंचे थे। जिसमें दर्जन भर प्राथमिकी का जिक्र है। जिसमें गलत पर्यवेक्षण रिपोर्ट की शिकायत की गई।

मामले सीआईडी ने सभी पक्षों के समक्ष जाकर छानबीन की है।एसडीपीओ पर एक विशेष जाति समुदाय के लोगों को मदद करने का आरोप भी लगा है।पीड़ित पक्ष के लोग आरोप लगाते हुए बताया कि उदाकिशुनगंज अनुमंडल के लक्ष्मीपुर,महेसुआ,बाराही- आनंदपुरा,फुलौत,चौसा के आधे से अधिक लोग इनके सगे संबंधी है।इन क्षेत्रों के विशेष जाति के लोग कोई गुनाह भी कर दे तो एसडीपीओ के द्वारा पर्यवेक्षण रिपोर्ट में बेगुनाह साबित कर दिया जाता है।ज्ञात हो कि कुछ वर्ष पूर्व भागलपुर के तेतरी में एक युवक की मौत का आरोप भी इनपर लग चुका है।

मामला :- 1

उदाकिशुनगंज थाना क्षेत्र के महेशुआ गांव का सामना आया है। इस गांव में एक नौ वर्षीय किशोरी का अपहरण कर बंद कमरे में पिटाई के मामले को एसडीपीओ ने अपने पर्यवेक्षण रिपोर्ट में असत्य साबित कर दिया। इससे नाराज परिजन ने मुख्यमंत्री और डीजीपी से शिकायत की। जहां राज्य पुलिस मुख्यालय ने मधेपुरा एसपी को पुनः जांच का आदेश दिया। एसपी ने कांड के वादनी मनिया देवी पति योगेंद्र मुखिया के शिकायत पर दिनांक 24 मई 2019 को वादी एवं गवाहों के समक्ष अनुसंधान किया। जिसमें मामला आरोपित के बहन को किशोरी तेजस्वनी कुमारी द्वारा कागज पर लिखे  मोबाइल नंबर दिए जाने का बताया गया।

अनुसंधान में एसपी ने किशोरी के साथ मारपीट की घटना को सही पाया। एसपी ने अपने रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि साक्षियों के बयान से स्पष्ट हुआ कि वादनी मनिया देवी के देवर दिनेश मुखिया गांव में कोचिंग चलाते हैं। जिसमें आरोपित संतोष यादव की पुत्री पढने जाया करते थे। इस दौरान कोचिंग संचालक के पुत्र और संतोष यादव की पुत्री के बीच प्रेम प्रसंग का मामला सामने आया। इस बात को लेकर दोनों पक्षों के बीच तनाव हुआ।इसे लेकर पंचायत हुई। पंचायत में मामला सुलह नहीं होने पर मनिया देवी ने थाना में प्राथमिकी दर्ज कराया। वहीं किशोरी का ईलाज परिजन ने नीजी अस्पताल में कराया।

अनुसंधान टिप्पणी में एसपी ने डीएसपी के निष्कर्ष को गलत ठहराया। वहीं एसपी ने भविष्य में इस तरह की गलती नहीं दुहराने के लिए एसडीपीओ को चेतावनी दी। एसपी तीनों आरोपितों के खिलाफ सुसंगति धाराओं की प्राथमिकी को सत्य करार दिया है।यह भी उल्लेख किया गया है कि अंतिम प्रतिवेदन न्यायालय में समर्पित किया जा चुका है।ऐसी स्थिति में थानाध्यक्ष व अनुसंधानकर्ता को निर्देश दिया कि न्यायलय से अग्रतर आदेश प्राप्त करें। यह भी उल्लेख है कि अनुसंधानकर्ता रामनिवास सिंह का स्थानांतरण शंकरपुर हो गया है। इस मामले मे अन्य पदाधिकारी को प्राथमिकी की जिम्मेदारी दी जाए। वहीं नामजद अभियुक्तों के गिरफ्तारी के निर्देश दिए गए।फरार होने की स्थिति में कुर्की जब्ती के आदेश दिए गए।

एसडीपीओ को निर्देश दिया गया कि आदेश का अनुपालन कराते हुए अगला प्रतिवेदन समर्पित करें। एसपी के निर्गत आदेश को पांच माह बीत गए। यधपि पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। जिससे खिन्न परिजन ने पुनः एसपी मधेपुरा और डीजीपी पटना को शिकायत आवेदन भेजा है। जिसमें स्थानीय पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए गए हैं।

मामला:-2

विज्ञापन

विज्ञापन

उदाकिशुनगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत मधुबन पंचायत अंतर्गत उदा गाँव के वार्ड नंबर 1 निवासी मिथिलेश कुमार झा की 13 वर्षीय पुत्री ब्यूटी कुमारी के अपहरण का मामला भी किसी माता पिता के भावनाओं को कुरेदने वाला मामला है।

मामले में अपहृता के पिता मिथिलेश कुमार झा ने उदाकिशुनगंज थाने में पांच लोगों को नामजद करते हुए आवेदन देकर शिकायत दर्ज कराया है। दिए गए आवेदन अनुसार मिथिलेश कुमार झा ने कहा है कि 9 जून मंगलवार की रात्रि लगभग 1 बजे हम लोग सपरिवार घर में सोए हुए थे। मेरी 13 वर्षीय नाबालिग पुत्री ब्यूटी कुमारी अपनी मम्मी बेबी देवी के साथ सोई हुई थी। उसी बीच अचानक 5 की संख्या में युवक लाठी, डंडा एवं हथियार से लैस होकर हमारे दरवाजे पर आए जबरन घर घुसकर मारपीट एवं गाली-गलौज करने लगा। जब हम लोग ऐसा करने से मना किया तो हथियार लहराते हुए मेरे कमरे में जाकर मेरी बेटी को जबरन उठाकर ले जाने लगे। इस पर मेरी पत्नी बेबी देवी ने विरोध किया तो उसे मुक्के और हथियार के बट से मारकर नीचे गिरा दिया। जब मैं बचाने आया तो मुझे भी मारने लगा और धक्का देकर मेरी बेटी को जबरन अपने मोटरसाइकिल पर बिठाकर भाग गया।

जाते समय धमकी देते गया कि यदि थाने में केस किया तो हम पुरे खानदान को मिटा देंगे। यह सभी लोग दबंग एवं आसपास के लोग हैं एवं बाहरी अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों से सांठगांठ भी रखते हैं।परिजनों ने कानून व्यवस्था से परेशान होकर आत्मदाह करने का फैसला लिया था।उदाकिशुनगंज अनुमंडल के मधुबन पंचायत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आगमन था लेकिन किसी कारणवश आगमन स्थगित हो गया।पीड़ित परिजन ने कहा कि एसडीपीओ उदाकिशुनगंज के द्वारा मानसिक रूप से परेशान किया गया है।कई दलालों के माध्यम से मोटी रकम की मांग को गई।नहीं देने पर अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया।

एसडीपीओ ने धमकाते हुए कहा कि केस उठा लो अन्यथा परिणाम गलत होगा।जो भी नामजद आरोपी हैं उनलोगों ने कुछ नहीं किया है।दबी जुबान ने परिजनों ने कहा कि एसडीपीओ आरोपी के सगे संबंधी हैं।जिस कारण से आरोपियों को बचाया जा रहा है।अपहृता के माता पिता ने भावुक होते हुए कहा कि वे कानून के शरण मे गए लेकिन कानून के नुमाइंदों ने उनके साथ बुरा बर्ताव किया।अपहृता के पिता ने रोते बिलखते हुए कहा कि एसडीपीओ ने उन्हें भरोसा दिलाने के बजाय अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए कहा कि तुम्हरी बेटी को जब दो बच्चा हो जाएगा तब तुम्हारी बेटी को बरामद करेंगे।तब तक कागज के टुकड़े को लेकर घूमते रहो।पिता की आंखे नम हो चुकी वे स्तब्ध हो चुके थे।कानून के आगे लाचार पिता ने जब कहा कि उनकी पुत्री नाबालिग है तो एसडीपीओ ने उन्हें फटकार कर धक्का देकर  बाहर कर दिया।

परिजनों ने एसडीपीओ पर औऱ भी कई गंभीर आरोप लगाए हैं।जिसमें यह कहा गया है कि तुम्हारी बच्ची का उम्र 20-25 वर्ष है कोई उठाकर ले गया तो क्या हो गया।भूल जाओ सबकुछ।परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा कि सभी आरोपियों से एसडीपीओ के दलालों ने चार से पांच लाख रुपये की रकम ली है।रकम लेकर पीड़ित परिजन को मेलमिलाप का दबाब बना रहे हैं।उन्होंने यह भी कहा कि एसडीपीओ के ऊपर सीआईडी जांच चल रही है।सीआईडी के अधिकारियों से पीड़ित परिजनों ने सारी बात कही है।ज्ञात हो कि मामले में डीजीपी,डीआईजी सहित कई अधिकारियों से शिकायत की गई है।

मामला:-3

उदाकिशुनगंज थाना क्षेत्र रहटा पंचायत वार्ड संख्या आठ निवासी मो हबीब पिता मो फाजिल की रिश्तेदार 12 वर्षीय सियाणा खातून (काल्पनिक नाम) के साथ दर्जनों युवकों ने दुष्कर्म का प्रयास किया।मामले में दो दर्जन ने अधिक आरोपियों के ऊपर मामला दर्ज किया गया।
यह मामला बीबी शबनम खातून के द्वारा दर्ज कराया गया।12 वर्षीय किशोरी के साथ बुरे तरीके से मारपीट की गई और दुष्कर्म का प्रयास किया गया।प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी आरोपियों हौसले कम नही हुए।महज तीन दिनों के बाद आरोपियों ने रात्रि में किशोरी के पुनः जोर जबरदस्ती की।आधा दर्जन से अधिक लोगों ने हथियार से लैश होकर किशोरी के साथ पुनः दुष्कर्म का प्रयास किया।पीड़ित पक्ष के लोगों ने बताया कि बुधवार की देर रात 5 से 6 की संख्या में धारदार हथियार,थ्रीनट से लैस होकर घर मे घुस गए।जान से मारने की धमकी देते हुए कहा कि केस उठा लो नही तो अंजाम बुरा होगा।

धमकाते हुए हथियार से लैस आरोपियों ने किशोरी को जबरन उठा कर भागने लगा।तबतक लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई।आरोपियों ने पीड़िता के घर को आग के हवाले कर दिया।यह घटना कई घण्टों तक चलता रहा।किशोरी के सर पर धारदार हथियार से वॉर कर हत्या का प्रयास किया गया।सर पर वार होते ही 12 वर्षीय मासूम किशोरी बेहोश हो गई।ग्रामीणों की मदद से पीड़िता किशोरी को उदाकिशुनगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया।जहाँ किशोरी के इलाज किया गया।

मामले में पुनः किशोरी के रिश्तेदार मो हबीब ने उदाकिशुनगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई है।जिसने रहटा पंचायत के पूर्व मुखिया एवं उनके पुत्र को मुख्य आरोपी बनाया गया है।पीड़ित परिवार से बात करने पर उन्होंने बताया कि पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है लेकिन अबतक किसी की गिरफ्तारी नहीं कि गई है।आरोपियों के हौसले बुलंद हैं।आरोपी पैसे वाला है और पूर्व मुखिया भी रह चुका है।पुलिस जल्द आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करती है तो पूरे परिवार की हत्या कर दी जाएगी।12 वर्षीय मासूम किशोरी ने किसी का क्या बिगाड़ा है।बार बार मासूम के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया जा रहा है।परिजन अब भी न्याय के लिए भटक रही है।

मामला:-4

उदाकिशुनगंज अनुमंडल मुख्यालय क्षेत्र के करौती पिपरा पंचायत ने दो महिलाओं की संदिग्ध अवस्था मे मौत हो गई।मामले में पुलिस पहुँचती और दोनों लाश को बिना पोस्टमार्टम के जला दिया जाता है।ना जाँच की जाती ना पोस्टमार्टम होता है।एक महिला के विषय मे बताया कि उनके ससुराल वालों ने उनकी विषयुक्त भोजन खिलाकर हत्या कर दी।इस मामले पुलिस को सूचना मिलती है।पुलिस घटनास्थल पर पहुँचती है।पंचनामा के आधार पर मौत का फैसला कर दिया जाता है।बताते चले कि इस मामले की कवरेज के लिए पहुँचे पत्रकार के साथ मारपीट भी की जाती है।दूसरा मामला करौती गाँव का एक बाद घटित होता है।महज 20 दिन पूर्व हुए शादीसुदा औरत फांसी के फंदे पर झूलती पाई जाती है।उक्त मामले में पुलिस पहुँचती है।पंचायत के कुछ गणमान्य लोगों के द्वारा मौत के मामले को ढंक दिया जाता है।पुलिस घटनास्थल से लौट जाती है।पूछे जाने पर पुलिस चुप्पी साध लेती है।जबकि गाँव के लोग बताते हैं कि पुलिस ने महिला के शव की सुरक्षा के लिए एक चौकीदार प्रतिनियुक्त करती है।

मृतका के परिजनों का इंतजार किया जाता है।18 से बीस घण्टे बाद लाश को जला दिया जाता है।इन मामलों से सीधा प्रतीत होता है कि उदाकिशुनगंज अनुमंडल में आजकल महिलाओं,किशोरियों आबरू के साथ खिलवाड़ करना या उनकी हत्या करना गुनाह के श्रेणी में नहीं आता है।सुशाशन बाबू के राज्य में खुलेआम महिलाओं के साथ अत्याचार किया जा रहा है।कानून के नुमाइंदे कहीं तमाशबीन बने हैं तो कहीं प्रवेक्षण के नाम और संरक्षण दे रहे हैं।

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

आर्थिक सहयोग करे

- Sponsored -

Comments are closed.