मधेपुरा : शराब के धंधे से जुड़े व्यक्ति का विरोध करना जदयू प्रखंड अध्यक्ष सह मुखिया पति को पड़ा भारी
झूठे मुकदमे के बढ़ते प्रचलन से लोगो में पनप रहा आक्रोश,एसपी को आवेदन निष्पक्ष तरीके से जांच की मांग
शंकरपुर(मधेपुरा)/शराब के धंधे से जुड़े व्यक्ति का विरोध करना जदयू अध्यक्ष को पड़ गया भारी पुलिस ने प्रखंड अध्यक्ष के विरुद्ध शिकायत दर्ज कर आरोपी बना दिया।दिलचस्प मामला मधेपुरा जिले के शंकरपुर थाना से जुड़ा है।जहां प्रखंड जदयू प्रखंड अध्यक्ष सह मुखिया पति पारसमणि आजाद न्याय की गुहार अपनी ही सरकार से लगा रहे है। कांड संख्या 93/22, में जदयू नेता को नामजद अभियुक्त बनाया गया है।दरअसल कुछ दिनों से नेता जी शराबियों व शराब के धंधे से जुड़े लोगों के विरुद्ध अभियान छेड़ रखा है। लेकिन सरकार द्वारा जारी शराबबंदी के बावजूद चोरी छिपे शराब बेचने की शिकायत पर धंधे में शामिल लोगो के बिरुद्ध करवाई को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों को कहा गया। लेकिन पुलिस के साथ मिलीभगत कर शराब माफिया बड़ी मात्रा में इलाके में शराब बेचने का काम करते है।शराब के इस धंधे में बड़ा रैकेट शामिल है।जिस कारण युवाओं में नशे का क्रेज बढ़ने लगा है।
मुखिया पति ने एसपी को दिए आवेदन में आरोप लगाया है कि साजिशन उन्हें व उनके परिवार के लोगो को फंसाया जा रहा है।उनके खिलाफ आवेदनकर्ता गुड्डू यादव के विरुद्ध शंकरपुर थाना में शराब से जुड़े कई मामलों में मामला दर्ज है। बल्कि जेल भी जा चुका है। फिलहाल जदयू नेता को फंसाने की साजिश कामयाब होती है या न्याय की जीत इसकी प्रतीक्षा रहेगी लेकिन झूठे मुकदमे के बढ़ते प्रचलन से लोगो मे आक्रोश अवश्य पनपने लगा है।
दरअसल बेबी कुमारी पति गुड्डू यादव साकिन कोल्हुआ द्वारा 5 मार्च को शंकरपुर थाना में पारसमणि व छोटे भाई बिदुर के विरुद्ध रपट लिखाई की उन्हें नामजदों द्वारा रंगदारी की मांग जमीन से जुड़े मामले मे की गई।डराने धमकाने सहित अन्य धाराओं का प्रयोग कर बुरी तरह केस में उलझाने का प्रयास किया गया।जबकि आरोपी बनाए गए मुखिया पति जदयू नेता पारसमणि का कहना है कि उनकी गलती सिर्फ यह की उन्होंने समाज सुधार के लिए उठाए गए कदम की सजा मिल रही है जबकि वस्तुस्थिति कुछ और इस सिलसिले में जदयू नेता व पूजा पल्लवी वर्तमान मुखिया रामपुर लाही ने एसपी को दिए आवेदन में इंसाफ की गुहार लगाते हुए निष्पक्ष तरीके से जांच की मांग की और बेकसूर पति को फंसाने के लिए दायर किये गए मामले को गलत करार दिया।
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