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नेता बदल जाते हैं,पर जनसमस्या रहती है जस की तस !

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स्ट्राईभर प्रशांत
एडिटिंग डेस्क @ कोसी टाइम्स.

बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही कोसी क्षेत्र में फिर से राजनीतिक बहस के साथ साथ स्थानीय मुद्दे भी चर्चा में आने लगे हैं.कोसी के लगभग सभी विधानसभा क्षेत्रों के बाशिंदों व वोटरों के मन में एक ही तरह की उथल-पुथल चल रही है कि विधायक बदलते रहते हैं पर हमारी समस्याएं जस की तस क्यों रह जाती है? पीने के शुद्ध पानी की उपलबद्धता, बिजली ,सड़क,पुल,सरकारी स्कूलों की दुर्दशा,विभिन्न सरकारी कार्यालयों में पसरा हुआ भ्रष्टाचार और जल जमाव की समस्या आखिर क्यों हर बार यही सब समस्याएँ सामने आ जाती है?हर बार विधानसभा में विधायक बदलते रहते पर जनता की समस्याएँ जस की तस ही रह जाती है और फिर दुबारा चुनाव का समय आ जाता है.जो एक बार विधायक बनते हैं,वो सब सरकारी योजनाओं में से जितना अपने घर ले जा सकते हैं,लेकर चले जाते हैं.फिर कोई आता है और यह क्रम बदस्तूर जारी रहता है..!

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कोसी और पूरे बिहार के सन्दर्भ में एक कहानी याद आती है.एक बार बिहार सरकार के एक मंत्री अमेरिकी दौरे पर गए.वहाँ बिहार के मंत्री साहब एक अमेरिकी मंत्री के घर ठहरे.शाम के समय अमेरिकी मंत्री साहब बिहारी मंत्री को अपना क्षेत्र घुमाने ले गए.एक जगह ले जाकर अमेरिकन मंत्री ने अपनी जीप रोक दी और बिहारी मंत्री को कहा कि देखिए, यह पुल मैंने ही बनवाया है.उस पुल का एक हिस्सा टूटा हुआ था.पुल के टूटे हिस्से को देखकर बिहारी मंत्री ने अपने मेजबान अमेरिकी मंत्री से पूछा कि इस पुल का एक हिस्सा टूटा हुआ क्यों है? इस पर अमेरिकी मंत्री ने कहा कि मेरा चकाचक घर नहीं देखो हो ! समझ लो कि पुल का टूटा हुआ हिस्सा वहीं लगा हुआ है.कुछ दिन बाद वही अमेरिकी मंत्री बिहार के दौरे पर आए और उसी बिहारी मंत्री के यहाँ ठहरे. बिहारी मंत्री ने सोचा कि इसने मुझे अपने क्षेत्र में घुमाया था. मैं भी इसे अपने क्षेत्र का भ्रमण करा दूँ. शाम के समय वह अपने क्षेत्र में अमेरिकी मंत्री को साथ लेकर निकले और एक जगह जाकर अपनी जीप रोक दी और फिर अमेरिकी मंत्री को कहा कि ऊ देखिए..!ऊ पुलवा हमहीं बनवाया हैं. लेकिन अमेरिकी मंत्री को वहाँ दूर दूर तक कोई पुल नहीं नजर आया तो उसने बिहारी मंत्री से पूछा कि वहाँ तो कोई पुल ही नहीँ दिखाई दे रहा है.नो ब्रिज देयर..!.इस पर बिहारी मंत्री ने दांत निपोरते हुए कहा कि हमरा झकाझक घर देखे कि नही! समझ लो पूरा का पूरा पुलवा ऊहै है.

अब वक़्त आ गया है कि बिहार और कोसी की जनता अपने जनप्रतिनिधियोँ द्वारा क्षेत्र के विकास की खातिर किए गए वादों की समीक्षा करें. आज भी कोसी के सुदूर क्षेत्रों में आवागमन एक बड़ी समस्या है जहाँ से शहर आने में घंटों लग जाते हैं.बिजली नहीं पहुंची हैं.बाढ़ का खतरा हर साल मंडराता है.जलजमाव को हटाने के लिए कोई प्रबंधन नहीं है.इन मुद्दों पर काम नहीं होने से नाराज लोगों ने कोसी में कई जगह वोट का बहिष्कार करने का भी निर्णय लिया है.पर इससे बात नहीं बनेगी…वोट की चोट से ही बेहतर कोसी का निर्माण हो सकता है.!

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