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“घोघो रानी कितना पानी ?” शासन पर तमाचा

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कुमार उत्पल

कोसी टाइम्स @ मधेपुरा  

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कुसहा त्रासदी के सातवी बरसी पर संवदिया नाट्य संस्था की ओर से मधेपुरा के नुक्कड़ों पर आलोक कुमार निर्देशित नाटक-घोघो रानी कितना पानी, का प्रदर्शन किया गया। इसके निर्देशक रहे हैं मध्य प्रदेश नाट्य विश्वविद्यालय के छात्र तथा मधेपुरा के निवासी शहंशाह । कालेज चैाक पर हुए आयोजन में कलाकारों तथा साहित्यकारों ने कुशहा त्रासदी की सातवीं बरसी पर बाढ़ में डूबकर मरे लोगों को मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि दी।

घोघो रानी कितना पानी के आयोजन को स्थानीय लोगों और दर्शकों ने काफी सराहा। इसका आयोजन बाढ की त्रासदी में जहां शासन आर प्रशासन के कार्यशैली की पोल खोलता है वहीं इनके गाल पर करारा तमाचा भी है। वर्ष 2008 में कोसी बांध के दरकने और सरकार की खामोशी तथा जलप्रलय की तबाही, बर्वादी और जनवेदना को कलाकारों ने जीवंत कर दिखाया। इसे मधेपुरा काॅलेज, काॅलेज चैाक तथा जयपालपट्टी चैाक पर प्रदर्षित किया गया। इस अवसर पर डा. श्यामल किशोर यादव, डा. आलोक कुमार, डा. सिद्धेश्वर काश्यप, चिरामणि यादव, पार्षद ध्यानी यादव तथा सचिव सुकेश राणा आदि उपस्थित थे।

इस आयोजन से पूर्व निर्देशक शहंशाह ने स्थानीय नवोदित कलाकारों को कार्यशाला आयोजित कर 18 दिनों का नाट्य प्रशिक्षण दिया। कलाकारो में अमित अंशु, सोनम, आशिफ, सुमन, रवि, आनंद, इमरान, कार्तिक, शंकर तथा मो. साहब आदि शामिल थे।

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