ओम प्रकाश
कोसी टाइम्स @ सुपौल.
मानसून के आने की आहट के बाद भी अभी तक कोसी ईलाके में भीषण गरमी के तेवर में कोई कमी दिखाई नहीं पड़ रही है. प्रचंड गर्मी के कारण हर कोई हलकान है,क्या-बच्चे, क्या-युवा, क्या-बूढ़े.भीषण गर्मी की वजह से भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र के बाजार भीमनगर तथा बस पड़ाव पर व्यापक असर हुआ है.विदित है कि नेपाल से आने वाले यात्री भीमनगर के बस पड़ाव से पटना, दरभंगा, कटिहार, पूर्णिया, मधेपुरा, सहरसा तथा सुपौल जाने के लिए बस पकड़ते हैं.कोसी के बाजारों में दिन के समय में राशन व अन्य सामानों की खरीदारी करने आने वालों की संख्या में भारी कमी आयी हैं.भीषण गरमी से हर जगह वीरानी सी पसरी हुई है.
मानसून के आगमन से लोगों में उत्साह देखा जाता है,लेकिन मौसम विभाग की औसत से कम बारिश होने की चेतावनी ने किसानों के साथ-साथ आम लोगों को भी अंदर से हिला दिया हैं. जून के प्रथम सप्ताह से ही किसान धान का बिचड़ा खेतों में गिराना शुरू करते हैं. लेकिन बारिश होने की संभावना दूर-दूर तक दिखाई नहीं पड़ने के कारण तैयार खेतों में बिचड़ा नहीं गिरा रहे हैं. वही पाट की खेती करने वाले किसान बारिश होने के इंतजार में आसमान की तरफ टकटकी लगाये बैठे हैं. मौसम की यह प्रचंड गर्मी की वजह से चारा के तौर पर प्रयोग किये जाने वाला हरी घास नहीं मिलने से माल-मवेशी भी खाने को तरस रहे हैं.जलाशयों में भी पानी सूखने लगे हैं, जिससे जलचर प्राणियों को भी पानी की कमी के कारण तड़पते देखा जा सकता है. जून की तारीख की तरह मौसम का पारा अनवरत बढ़ता जा रहा है. तपती धूप व उमस भरी गर्मी से पूरे कोसी में जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है.
मौसम के बदलते मिजाज के साथ पेयजल संकट भी गहराने लगा है. सार्वजनिक स्थलों पर पेयजल की मुकम्मल व्यवस्था नहीं रहने के कारण आमलोगों को बेहद परेशानी हो रही है.बाजारों में मौसमी फलों व जूस की बिक्री बढ़ गयी है. जगह-जगह तारबूज, खीरा, ककड़ी की ब्रिकी हो रही है. विभिन्न फलों के शर्बत बिक रहे हैं, वहीं विभिन्न कंपनियों के शीतल पेय से बाजार पट गया है. बाजार में जगह-जगह लस्सी की दुकान भी खुल गई है. बर्फ, आईसक्रीम आदि की ब्रिकी भी तेज हो गयी है. गर्मी से बचने के लिए फ्रीज, कूलर, पंखे की खरीदारी हो रही है तो तालाब में स्नान कर राहत पाने की कोशिश भी की जा रही है.
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