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महिषी के मैदान में हॉकी स्टिक लेकर उतरे पूर्व बीडीओ !

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संजीव हंस/अन्ना यादव
कोसी टाइम्स @ सहरसा.

हाल ही में अपने पद से इस्तीफा देकर चर्चा में आये नवहट्टा के पूर्व बीडीओ गौतम कृष्णा अब विधानसभा चुनाव मैदान में खांटी नेताओं के साथ मधेपुरा सांसद पप्पू यादव की हॉकी स्टिक लेकर वोट वोट खेलेंगे.अभी कुछ दिनों पहले ही गौतम कृष्णा के इस्तीफे के साथ ही काफी बबेला भी मचा था.बिहार सरकार के सचिव को भेजे गये अपने इस्तीफा पत्र में उन्होंने बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार पर सहरसा सर्किट हाउस में सबके सामने सार्वजनिक रूप से अपमानित करने की बात भी लिखी थी.इस्तीफा भेजने के वक्त ही उन्होंने चुनाव में महिषी के मैदान में उतरने की बात कही थी.तभी से यह कन्फर्म कयास लग रहे थे कि वे पप्पू की पार्टी से ही चुनावी दंगल में उतरेंगे.

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जापलो से सिंबल मिलने के बाद अब नवहट्टा के पूर्व बीडीओ गौतम ने महिषी के घर घर समर्थन मांगने के लिए पहुंचना शुरू कर दिया है.पटना में जापलो के अध्यक्ष प्रेमचंद सिंह से पार्टी सिंबल लेकर लौटे पूर्व बीडीओ ने यह पूछे जाने पर कि आपने पप्पू की पार्टी को ही क्यों चुना? कोसी टाइम्स से कहा कि बिहार विधानसभा का चुनाव एक धर्मयुद्ध है.यह दीये और तूफान की लड़ाई है.पप्पू यादव जी भ्रष्ट सरकारी सिस्टम के खिलाफ लगातार लड़ रहे हैं.बिहार को बदलना है तो तीसरे मोर्चे को मौका मिलना ही चाहिए.हम जनता की अदालत में हैं,फैसला महिषी की जनता को ही करना है.

महिषी में पांचवें व आखिरी चरण के तहत 5 नवंबर को मत डाले जायेंगे.तब तक हर दल के उम्मीदवार अपनी तरफ से जीत के लिए हर कसरत करेंगे.महिषी में एनडीए की तरफ से रालोसपा के चंदन साह बागची पंखा लेकर घूम रहे हैं जबकि महागठबंधन की ओर से अब्दुल गफूर लालटेन लेकर खेत खलिहानों की खाक छान रहे हैं.अब गौतम कृष्णा ने हॉकी के साथ उतर कर महिषी के चुनावी मुकाबले को त्रिकोणीय रूप दे दिया है.पप्पू यादव को अपने जिन उम्मीदवारों की जीत की उम्मीद होगी उनमें से एक सीट महिषी की भी होगी.महिषी के चुनावी मैदान में जाप को इस पैनाल्टी शूट से जीत मिलती है या नहीं,यह तो चुनाव के परिणाम ही बतायेंगे.लेकिन अगर गौतम कृष्णा जीते तो यह कोसी व बिहार की राजनीति में सूक्ष्तम स्तर पर दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की करिश्माई जीत की तरह ही होगी.क्योंकि केजरीवाल ने भी सरकारी पद छोड़ कर राजनीति की राह पकड़ी थी और उनकी पत्नी भी उसी सरकारी पद पर आसीन थी,जिस पर केजरीवाल पद छोड़ते वक्त बैठे हुए थे.सूक्ष्तम स्तर पर यही स्थिति गौतम कृष्णा की भी है.इनकी पत्नी श्वेता कृष्णा भी फिलहाल सहरसा में ही बीडीओ के रूप में कार्यरत हैं.

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