संजीव हंस
कोसी टाइम्स @ सहरसा.
भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य व सहरसा के पूर्व विधायक संजीव कुमार झा को आत्मसमर्पण के बाद जेल भेज दिया गया.आज से करीब 16 वर्ष पूर्व राजनीतिक धरना- प्रदर्शन के क्रम तत्कालीन जिलाधिकारी के कार्यालय में घुस कर सरकारी कार्य में बाधा डालने एवं दस्तावेजों को फेंकने के मामले में न्यायालय से मिली जमानत का दुरुपयोग करने के बाद जारी गिरफ्तारी वारंट के आलोक में भाजपा के पूर्व विधायक ने न्यायालय में आत्मसमर्पण किया था. पूर्व विधायक द्वारा दायर जमानत अर्जी को परिचालित नहीं करने के कारण प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी सतीश कुमार झा ने पूर्व विधायक को न्यायिक हिरासत में लेते हुए जेल भेजने का आदेश दिया.
विदित है कि 9 दिसम्बर 1999 को भारतीय जनता युवा मोर्चा का राज्यव्यापी कार्यक्रम चल रहा था. सहरसा में इसका नेतृत्व भाजयुमो के तात्कालीन जिलाध्यक्ष संजीव कुमार झा कर रहे थे. धरना- प्रदर्शन के दौरान श्री झा अपने कार्यकर्ताओं के साथ समाहरणालय स्थित जिलाधिकारी के वेश्म में प्रवेश कर गये और फर्नीचर एवं सरकारी दस्तावेजों को उलट पुलट कर दिया.प्रदर्शन को रोकने के क्रम में अधिकारियों के विरुद्ध अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया गया था. दंडाधिकारी मनीष कुमार के लिखित आवेदन पर चार दिन बाद सदर थाना में मामला दर्ज किया गया था.आत्मसमर्पण के दौरान पूर्व विधायक ने कहा कि उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत चार दिन बाद कांड दर्ज कर इस मामले में झूठा फंसाया गया है. वे न्यायपालिका का सम्मान करते हैं, गिरफ्तारी वारंट की सूचना मिलने पर स्वयं आत्मसमर्पण किये हैं.पूर्व विधायक को जेल भेजे जाने के मौके पर उनके कई समर्थक मौजूद रहे.
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