अमित वर्मा
कोसी टाइम्स @ सुपौल.
सुपौल की सांसद रंजीता रंजन आजकल अपनी पार्टी से खफा चल रही हैं.कोसी क्षेत्र में कॉंग्रेस को एक भी सीट नहीं दिये जाने से नाराज होकर उन्होंने न केवल पार्टी की प्रचार समिति से अपना इस्तीफा दे दिया है बल्कि बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के पक्ष में प्रचार नहीं करने की घोषणा भी कर दी है.सुपौल सांसद के इस कदम से कोसी में मृतप्राय कॉंग्रेस पार्टी के साथ साथ महाबली दिख रहे महागठबंधन को भी झटका लगा है.
मीडिया से बात करते हुए सुपौल सांसद रंजीता रंजन ने बताया कि सीटों व प्रत्याशियों के चयन को लेकर शुरू से ही विवाद चल रहा था.पार्टी में अंतर्विरोध को देखते हुए दिल्ली हाईकमान ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि महागठबंधन में सीट व टिकट बंटवारे के वक्त क्षेत्रीय सांसद से भी सलाह मशविरा की जायेगी.लेकिन बिहार व खासकर कोसी में सुपौल लोकसभा क्षेत्र में टिकट व सीट बंटवारे के समय उनकी मांगों को दरकिनार कर दिया गया.इसी से आहत होकर अब वे मुखर होकर पार्टी की बिहार इकाई के खिलाफ मुंह खोलने लगी हैं.
कॉंग्रेस पार्टी नेतृत्व के सामने रंजीता ने सुपौल के छातापुर व निर्मली विधानसभा सीट पर अपना उम्मीदवार खड़ा करने की मांग की थी.अपने पति व जापलो संरक्षक पप्पू यादव के कारण महागठबंधन में बैकफुट पर खड़ी सुपौल सांसद अब खुलकर अपनी पार्टी के नेताओं की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रही हैं.अब तक अपना मुंह खोलने से बचती रही रंजीता ने पहली बार मीडिया में अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि उन्हें अंधेरे में रखकर पार्टी नेतृत्व ने छातापुर व निर्मली की सीटें राजद व जदयू को दान में दे दी है.
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