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बहुजन हितैषी लालू प्रसाद का जन्म दिन सबके लिए “सामाजिक न्याय दिवस”के रूप में

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शशिधर मेहता “रत्नम्”
स्वतंत्र पत्रकार
प्रधान संपादक-“ग्रेस इंडिया टाइम्स”

कोसी टाइम्स@अपनी बात 

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मैं लालू प्रसाद माटी का लाल हूँ।मैं जालिमो का काल हूँ, मनुवादी व्यवस्थाओं पर सवाल हूँ।मैं यादव हूँ, पिछड़ा हूँ, वंचित हूँ, शोषित हूँ और पशुपालक गोपाल हूँ।मै लड़ता हूँ,भिंडता हूँ, अड़ता हूँ, चढ़ता हूँ, जुल्मियों का महाकाल हूँ।मैं लालू प्रसाद यादव माटी का लाल हूँ।
मैं लालू प्रसाद क्रूर सामन्तो का जबाब हूँ।मैं पीढ़ीगत सामाजिक दुर्व्यवस्था का इलाज हूँ।मैं जबर्दस्ती बेगारी कराने वालों,जाति के नाम पर वंचितों को अपमानित करने वालो,साम्प्रदायिकता को बढ़ाने वालों,धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के विरुद्ध संघर्ष का आगाज हूँ।मैं समता,समानता,सामाजिक न्याय की आवाज हूँ।मैं लालू प्रसाद आप सबके शुभेच्छा से लाजबाब हूँ।
मैं लालू हूँ, मेरी पत्नी राबड़ी है क्योंकि मैं अहीर हूँ।मैं शोषण के खिलाफ गम्भीर हूँ।मैं सोशल जस्टिश का क्रांतितीर हूँ।मैं सामाजिक परिवर्तन के लिए अधीर हूँ।मैं मानवीय गरिमा दिलाने हेतु लड़ने वाला आपका साथी,सखा,नायक व वीर हूँ।मैं अन्याय के विरुद्ध नुकीला मारक शमशीर हूँ।मैं लालू प्रसाद यादव मूलनिवासी अहीर हूँ।
मेरा नाम लालू है।मैं आपका संघर्षो का साथी,गरीबो का भाई,मजदूरो का भलाई,किसानों का अपना,मजलूमो का सपना,अकलियत का स्वाभिमान,दलितों का सम्मान और हाशिये के लोगो का सर्वसुलभ आलू हूँ।मैं लालू हूँ।
मैं लालू प्रसाद जातिगत अपमान का गवाह हूँ।गांव में बचपन मे सामन्तो की चुभती हुई जातिगत तीरों से घायल घाव हूँ।अहीर होने के नाते अपमानित होने के बावजूद अनवरत बहने वाला कलकल प्रवाह हूँ।मैं लड़ता,पढ़ता,शनैः-शनैः ऊपर चढ़ता लालू प्रसाद धाराओं के विपरीत चलने वाला नाव हूँ।मैं लालू प्रसाद यादव सामाजिक विषमता का गवाह हूँ।
मैं लालू हूँ।वही गरीबो का साथी लालू।वही अलकलियत का भाई लालू।वही मण्डल के लिए चढ़ करके लड़ने वाला लालू।वही सुप्रीम कोर्ट तक रामजेठमलानी जैसे वकील को मण्डल कमीशन हेतु रखने वाला लालू।वही लालू जिसने आडवाणी जी के रामरथ को रोका था।वही लालू जिसने साम्प्रदायिक दंगों को रोक दिया था।वही लालू जिसने त्रिस्तरीय आरक्षण लागू कर दिया था।वही लालू जिसने बिहार में यूनिवर्सिटियों का जाल बिछा दिया था।वही लालू जिसने पिछड़ी/दलित/अल्पसंख्यक जातियों को सांसद/विधायक/मंत्री बना उनमें स्वाभिमान जगाया था।हां मैं वही लालू हूँ जिसने बिहार में वंचितों में आंख में आंख डाल सामन्तो से दो-दो हाथ करने का उत्साह जगाया था।मैं वही लालू हूँ जिसने चरवाहा विद्यालय खोला था।मैं वही लालू हूँ जिसकी आवाज गरीबो की आवाज है और संघर्ष का आगाज है।

मैं लालू हूँ।आपका वही लालू जिसे आपकी आवाज बनने के लिए प्रताड़ित किया जा रहा है।जिसे झुकाया जा रहा है,तोड़ा जा रहा है क्योंकि मैं मनुवाद के खिलाफ लड़ रहा हूँ।सामंतवाद,ब्राह्मणवाद की जड़े खोद रहा हूँ मैं इसलिए मैं चाराचोर हूँ।पण्डित जगन्नाथ मिश्र जी ने पशुपालन घोटाला करवाया,मैंने जांच करवाया,रपट लिखवाया लेकिन आज मनुवादियो द्वारा मैं ही चाराचोर बना दिया गया हूँ क्योकि मनुवादियो की हजारो वर्ष से की जा रही चोरी का मैं खुलासा कर रहा था।मेरी आवाज बन्द करने की कोशिश हो रही है।मुझे इलाज की समुचित व्यवस्था नही दी जा रही है।मेरी दवाओं में स्लो प्वाइजन दिया जा रहा है क्योंकि मुझसे हस्तिनापुर को खतरा है।मेरी आवाज से उन्हें विद्रोह होने की आशंका है इसलिए मुझे बोलने से रोकने का यत्न/प्रयत्न जारी है।मैं आपका हूँ।आप बहुजनो के लिए मैं कुछ भी कर सकता हूँ।सब कुछ बर्दाश्त है मुझे सामाजिक न्याय की अवधारणा को मूर्त रूप प्रदान करने के लिए।मुझे मरना स्वीकार है लेकिन सामाजिक न्याय की परिकल्पना से समझौता स्वीकार नही है।मैं लड़ूंगा,मरूंगा पर झुकूंगा नही।
मैं लालू हूँ।पढ़ने गया तो जातिगत/नस्लीय भेदभाव का शिकार हुवा पर ताकत आपकी थी कि मैं सर्वेन्ट क्वार्टर में रहते हुए पटना यूनिवर्सिटी का प्रेसीडेंट बन गया।इमरजेंसी में जेल गया।मीसा और डीआईआर लगा।जेल में रहते ही मेरी बेटी मीसा ने जन्म लिया।
मैं लालू हूँ।मुझे आप बहुजनो ने इमरजेंसी खत्म होने पर जेल से छूटने के बाद संसद में भेजा।मुझे मुख्यमंत्री बनाया।मुझे आप सबने सजाया,सँवारा,संजोया और आज जो कुछ भी हूँ वह बनाया व यहां तक पंहुचाया है।मेरे ऊपर कर्ज है बहुजन समाज का इसलिए लड़ना मेरा धर्म है,कर्म है।
मैं लालू हूँ।बहुजनो का लालू,वंचितों का लालू,दलितों का लालू,अल्पसंख्यको का लालू,शोषितों का लालू।मुझे तोड़ा जा रहा है पर मैं टूटने वाला नही हूँ।मुझे झुकाया जा जा रहा है पर मैं झुकने वाला नही हूँ।मुझे प्रलोभन दिया जा रहा है पर मैं सामाजिक न्याय व सेक्युलरिज्म के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाला लालू हूँ।मैं बीमार हूँ, जेल में हूँ।असुर नायक कृष्ण जेल में जन्मे,गांधी जेल में रहे,खान अब्दुल गफ्फार खान गांधी आजीवन जेल रहे,नेल्सन मंडेला जेल रहे,आनसंग सु की जेल रही,बाबा साहब अम्बेडकर जीवन भर अपमानित हुए पर लक्ष्य प्राप्ति हेतु लड़ते रहे।मैं भी जेल में हूँ।मुझे इसकी कोई परवाह नही क्योकि मैंने सामाजिक न्याय से समझौता नही किया है।पिछडो के सीने में चाकू नही घोंपा है।
मैं लालू हूँ।मुझे खुद के 70 वर्ष इस धरती पर गुजार देने पर सन्तोष है कि मैंने कभी भी वंचितों के झंडे को झुकने नही दिया है।खुद जलने में विश्वास है पर अपने समाज को जलते नही देख सकता हूँ मैं क्योकि मैं आपका अपना लालू हूँ।

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