कोसी टाइम्स @ पटना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ मुहीम पर आधारित खेसारीलाल यादव और काजल राघवानी स्टारर भोजपुरी फिल्म ‘संघर्ष’ को शानदार सफलता मिली है़। इस फिल्म के शोज मल्टीप्लेक्स में हाउसफुल चल रहे हैं। आज पटना के पी एंड एम मॉल स्थित सिने पोलिस में ‘संघर्ष’ हाउसफुल रही, तो मुजफ्फरपुर में भी दर्शक बेसब्री से इस फिल्म के टिकट के लिए कतार में दिखे। यहां तक कि पहली बार ऐसा हुआ है, जब भोजपुरी फिल्म के टिकट बुक माय शो वेबसाइट के जरिये भी बिक रहे हैं।
जहां तक फिल्म की बात है तो ‘संघर्ष’ को लेकर लेकर लोगों में शुरू से ही उत्सकुता थी। यह फिल्म लव स्टोरी वाली तो है ही। साथ इसमें एक गहरा मैसेज छुपा है, जिसको काफी इंटरटेनिंग तरीके से पराग पाटिल ने बड़े पर्दे पर उतारा है। खेसारीलाल यादव और काजल राघवानी का किरदार लोगों को खूब पसंद आ रही है। क्योंकि यह महिला प्रधान फिल्म है, इसलिए इसमें काजल मेन लीड में हैं। साथ में ऋतु सिंह भी हैं। उनकी इंट्री इतनी जबरदस्त है कि दर्शक चौंक जाते हैं। वे एक्शन के जरिये इंट्री करती हैं। उनके स्टंट काफी प्रभावशाली हैं। इस बारे में वे कह चुकी हैं कि मैंने डायरेक्टर से आग्रह किया था कि मेरी इंट्री कुछ अलग तरीके से हो। जिसके बाद पराग पाटिल ने मुझे एक्शन करवाये।
काजल और खेसारीलाल को अब तक लोगों ने लव पेयर के रूप में देखा था। मगर इस फिल्म में वे दोनों सेकेंड हाफ में बूढ़े मां – बाप की एक सशक्त भूमिका में नजर आ रहे हैं। फिल्म मोटिवेशनल है और इसमें महिला सशक्तिकारण को बेहद बल मिलेगा। जहां तक फिल्म की कहानी की बात है तो वह सामाजिक मुद्दों पर आधारित है। फिल्म में एक बार फिर से खेसारीलाल और अवधेश मिश्रा की जोड़ी एक बार फिर से अपने किरदार में असरदार नजर आये हैं। इस फिल्म में भी अवधेश मिश्रा ने खेसारीलाल यादव के पिता का रोल निभाया है और देखा गया है कि जिस फिल्म में खेसारीलाल के पिता के रोल में अवधेश मिश्रा होते हैं। वो फिल्म खूब चलती है। वहीं इस फिल्म का गाना भी इसकी यूएसपी है।
भोजपुरी पर लगने वाले वलगेरिटी के टैग को खेसारीलाल ने हटाने की कोशिश की है, जो इस फिल्म में भी देखने को मिल रही है। खेसारीलाल ने बता दिया है कि इस तरह की फिल्में अब भोजपुरी में भी बन रही हैं, जो पीवीआर में लगे। पराग पाटिल ने फिल्म को बेहतरीन तरीके से संजोया है। उन्होंने फिल्म में दिखा दिया है कि बेटियां क्या कर सकती हैं। फिल्म के फर्स्ट हाफ में कॉमेडी जरूर है, मगर क्लामेक्स इतना दमदार है कि दर्शक बीच में फिल्म छोड़कर निकल नहीं सकते।
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