मधेपुरा:चौसा के विभिन्न क्षेत्रों में सुहागिन महिलाओं ने वट वृक्ष की पूजा कर मांगा आशीर्वाद
👉व्रती महिला सुधा गुप्ता ने कहा सौभाग्यवती स्त्रियां अपने पति के दीर्घायु और पुत्र की कामना के लिए यह व्रत करती हैं।
कुमार साजन@चौसा, मधेपुरा
आज गुरुवार को चौसा प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में पति की दीर्घायु के लिए सुहागिन महिलाओं ने वट वृक्ष की पूजा कर आशीर्वाद मांगा। सुहागिन महिलाएं सुबह उठकर नए वस्त्र पहनकर पूजा सामग्री से पूजा की थाली सजाई। इसके बाद श्रृंगार करके वट वृक्ष के नीचे पहुंचीं।महिलाओं ने पूरे श्रद्धाभाव पूजन करने के बाद कथा सुना और वट वृक्ष के चारों ओर परिक्रमा करते हुए लाल सूत्र लपेट कर पूजा की।
चौसा थाना परिसर,प्रखंड कार्यालय परिसर,चौसा दुर्गा मंदिर, घोषई विषहरी स्थान,अरजपुर, कलासन,पैना,फुलौत, बाबा विशु राउत स्थान, लौआलगान,चिरौरी मंदिर स्थित बरगद के पेड़ के नीचे महिलाएं बड़ी संख्या में पहुंचीं। कई सुहागिन महिलाओं के साथ उनके पति भी थे। महिलाओं को वट सावित्री पूजा व व्रत का इंतजार रहता है। इस त्योहार में सुहागिन महिलाएं 16 श्रृंगार करके पूजा करती हैं। महिलाओं में वट वृक्ष पूजा को लेकर काफी खुशी रहती है। इसी खुशी के साथ पति की दीर्घायु के लिए ईश्वर से कामना करती है कि मेरा पति वट वक्ष की तरह खुशहाल रहकर जीवन में आगे बढ़े।
बताते चलें कि हिन्दू धर्मग्रंथों में सौभाग्यवती स्त्रियों के लिए अनेक व्रत व त्योहारों का वर्णन है जिनमें वटसावित्री व्रत भी प्रमुख है। सौभाग्यवती स्त्रियां अपने पति के दीर्घायु और पुत्र की कामना के लिए यह व्रत करती हैं।
व्रती सुधा गुप्ता,कंचन कुमारी माला,सुनीता देवी,नीलू कुमारी, सुलेखा देवी,ज्योति कुमारी, कुमारी माया सिंह ने बताया कि सुहागिनें अपने सुहाग की रक्षा व संतान की लंबी आयु व आरोग्य की कामना से यह व्रत व पूजन करती हैं।उन्होंने कहा कि इस व्रत को रखने से पति पर आए संकट चले जाते हैं और आयु लंबी हो जाती है। यही नहीं अगर दांपत्य जीवन में कोई परेशानी चल रही हो तो वह भी इस व्रत के प्रताप से दूर हो जाते हैं।सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखद वैवाहिक जीवन की कामना करते हुए इस दिन वट यानी कि बरगद के पेड़ के नीचे पूजा-अर्चना करती हैं।इस दिन सावित्री और सत्यवान की कथा सुनने का विधान है।मान्यता है कि इस कथा को सुनने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।
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