संजीव हंस
कोसी टाइम्स @ सहरसा.
लगन व जज्बा हो तो हर मंजिल को पाया जा सकता है. अभावों में जूझने के बाद भी मैट्रिक की परीक्षा में अच्छे अंक से सफलता हासिल कर सहरसा की कशिश ने साबित किया है कि छोटे शहर व गांव के बच्चे भी किसी से भी कम नहीं हैं.सूबे में नौंवा स्थान पाने वाली कशिश मूलत: सहरसा के डीबी रोड अनुराग गली की निवासी है. सिमुलतला विद्यालय जमुई में अध्ययनरत कशिश के पिता किशोर कुमार नियोजित शिक्षक हैं जबकि मां गीता भारती ब्यूटी पार्लर चलाती है.कशिश कहती है कि वह आईआईटी परीक्षा पास करना चाहती है. वर्ग छह से सिमुलतला विद्यालय में अध्ययनरत कशिश चार भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर है. जबकि पिता 2006 में शिक्षक पद पर नियोजित हुए थे और फिलहाल मौजेलाल स्कूल बनगांव में पदस्थापित हैं. महंगाई के इस दौर में भी किशोर व गीता ने अभाव में गुजर-बसर कर बच्चों को शिक्षा देना ही मुनासिब समझा और यही कारण है कि इनके बच्चे मां-पिता के सपनों पर खड़ा उतरने की कोशिश कर रहे हैं. इसी तरह ताला मिस्त्री नूर आलम के पुत्र सन्नी शाहनवाज ने भी 83 फीसद अंक पाकर दूसरे बच्चों के लिए प्रेरणा बन गये हैं। जबकि किसान सुरेन्द्र यादव के पुत्र आशुतोष आनंद ने भी अस्सी फीसद से अधिक अंक पाया है.
वहीं दूसरी तरफ सहरसा के ही सोहा गांव निवासी स्व. शत्रुघ्न प्रसाद सिंह के पौत्र तथा संजीव कुमार सिंह के इकलौते पुत्र सत्यांश उर्फ ओमी (14 वर्षीय) ने साबित कर दिखाया है कि टेलेंट कहीं भी हो,अपनी चमक जरूर बिखेड़ती है. अन्तर्राष्ट्रीय बाल श्रम दिवस के अवसर पर श्रम संसाधन विभाग द्वारा आयोजित पेंटिंग प्रतियोगिता में पूरे राज्य में सफल 10 छात्रों में क्षेत्र के सोहा गांव का ओमी अव्वल रहा. पेंटिंग प्रतियोगिता में अव्वल आने से पूरे परिवार सहित सहरसा स्थित वीर कुंवर सिंह उच्च विद्यालय में हर्ष का माहौल है.बीते 12 जून को पटना के तारामंडल में आयोजित समारोह में सूबे के श्रम मंत्री दुलारचंद गोस्वामी द्वारा सत्यांश उर्फ ओमी को पुरस्कृत कर पांच हजार का चेक व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया, जिससे आज पूरे परिवार सहित सोहा के ग्रामीणों को गौरवान्वित किया. सत्यांश उर्फ ओमी सहरसा स्थित वीर कुंवर सिंह उच्च विद्यालय में 10 वीं का छात्र है.
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