आनंद कुमार
कोसी टाइम्स @ बीएनएमयू.
मरहूम शायर दुष्यंत कुमार की मशहूर पंक्ति है कि…
सिर्फ़ हंगामा खड़ा करना हमारा मकसद नहीं,
हमारी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए.
लेकिन लगता है कि मधेपुरा स्थित भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के कर्ताधर्ता दुष्यंत कुमार की पंक्ति को उल्टा करने पर तुले हैं कि…सूरत बदले न बदले ,हमारी कोशिश है कि हंगामा होता रहे शनिवार को हुयी सिंडिकेट बैठक हर बार की तरह इसबार भी हंगामेदार रही.कुलपति डॉ.विनोद कुमार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में सदस्यों ने परीक्षा विभाग द्वारा विभिन्न मदों में हो रही भुगतान पर सवाल खड़े किये. इसके बाद इसकी जांच के लिए एक उपसमिति गठित करने का निर्णय लिया.
विधान पार्षद संजीव कुमार सिंह और शिक्षक नेता डॉ. परमानंद यादव ने गत बैठकों में लिए गए निर्णयों व भुगतान की सम्पुष्टि के मुद्दे पर अड़ते हुए मांग किया कि जांच कार्य पूर्ण होने के बाद ही भुगतान का सम्पुष्टि का निर्णय लिया जाए.
बीएनएमयू के परीक्षा विभाग में अप्रैल 2012 से अब तक हुए भुगतान की जांच के लिए सिंडिकेट द्वारा गठित उपसमिति में डा. संजीव कुमार सिंह, प्रो. सत्यजीत यादव, डॉ. शब्बीर हुसैन, डॉ.जवाहर पासवान को सदस्य चुना गया है.वहीं पदाधिकारी सदस्यों के चयन का जिम्मा कुलपति को सौंपा गया है.
विदित है कि विश्वविद्यालय में इन दिनों आरोपों का दौर जारी है.परीक्षा विभाग में प्रश्न पत्र एवं अन्य कार्यो में अत्यधिक भुगतान के साथ-साथ कुलपति पर भी अनेक आरोप शपथ पत्र एवं साक्ष्य के साथ लगाकर उच्चाधिकारियों, निगरानी विभाग एवं सिंडिकेट सदस्यों को भी सौंपे गये हैं.सिंडिकेट की बैठक में विभिन्न नये कॉलेजों के संबंधन का भी प्रस्ताव सदस्यों ने इस आधार पर तत्काल लंबित रख दिया कि पहले यह जांचकी जाय कि भूमि एवं अन्य दस्तावेजों में तो कोई अनियमिततानहीं है. अनुकम्पा के आधार पर नौकरी के अधिक लंबित मामलों पर भी सदस्यों ने रोष जाहिर किया और अन्तत: यह निर्णय लिया गया कि जिन आवेदकों ने सारे कागजात जमा करा दिये हैं, उन्हें दो माह के अंदर कुलपति जांचोपरांत अनुकम्पा के आधार पर नियुक्त करेंगे.
शिक्षकों की पदोन्नति का मामला डा.परमानंद यादव ने उठाया.जिसका जवाब देते हुए कुलपति ने कहा कि पदोन्नति की संचिका अभी उनके पास नहीं पहुंची है. संचिका पहुंचते ही इसकी जांच कर सिंडिकेट की विशेष बैठक आहूत कर इसकी सम्पुष्टि करा ली जाएगी.इसी प्रकार शिक्षक कर्मचारियों के बकाये वेतन एवं पेंशन तथा पदोन्नत शिक्षकों को उसी अनुकूल बढ़ी हुई वेतन राशि भुगतान हेतु मंडल विश्वविद्यालय सरकार से पर्याप्त राशि मांगे, यह सर्वसम्मत निर्णय लिया गया.
डा.संजीव कुमार ने स्नातक की कॉपी जांच में लूट-खसौट के साथ साथ मेडिकल की कॉपी जांच आदि मामलों में अनियमितता का मामला उठाया गया. इस निर्णय को लेकर वातावरण इतना गरम हो गया कि कई सिंडिकेट सदस्य उठकर बाहर जाने लगे. लेकिन फिर माहौल को शांत करायागया.बैठक में डा. संजय सत्यार्थी, डा. विनोद कुमार यादव एवं राकेश कुमार यादव का अदालत के निर्णय के आलोक में योगदान, पदसृजन एवं वेतन भुगतान हेतुराज्य सरकार से मांग करने का भी निर्णय लिया गया.
हर बार की तरह इसबार के हंगामे से भी लगता तो नहीं है कि कोई हल निकलेगा.चलिए…हंगामा होते रहने से इतना तो पता चलता है कि मंडल विवि में कुछ हो रहा है ,लेकिन क्या हो रहा है यह शायद समझदारों के समझ से बाहर की बात है.
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