स्पेशल रिपोर्ट
पटना हाइकोर्ट ने बिहार संयुक्त प्रवेश परीक्षा बोर्ड से 2015 में आयोजित किये गए मेडिकल प्रवेश परीक्षा में हुए हाईटेक कदाचार को गंभीरता से लिया है.इस बाबत अदालत ने बोर्ड को 3 सप्ताह के भीतर अपना पक्ष रखने को कहा है.
27 मई को आयोजित मेडिकल प्रवेश परीक्षा में व्यापक कदाचार हुआ था.इस समन्ध में हाइकोर्ट में आलोक कुमार तिवारी ने एक याचिका दायर की थी.इस याचिका का सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अजय कुमार त्रिपाठी ने बोर्ड से जबाब पूछते हुए कहा है की 3 सप्ताह के अंदर स्पष्टीकरण दे.कोर्ट ने कहा की मोबाइल,डिवाइस,ईरफ़ोन आदि जैसे यंत्रो का उपयोग कर गलत छात्र प्रवेश पा लेते है जबकि मेहनती छात्र पीछे रह जाते है.
सर्वविदित है की 2015 में हुए मेडिकल प्रवेश परीक्षा में व्यापक धांधली हुई थी.जगह-जगह पर हजारो छात्रो द्वारा धरना,रोड जाम कर बोर्ड के प्रति नाराजगी जताया था.शायद छात्रो का मेहनत रंग लाया है।छात्र अदालत से आशा लगाये हुए है की aipmt के तर्ज पर ये भी रद्द होगा और परीक्षा फिर से कदाचार मुक्त आयोजित की जायेगी.
कोसी टाइम्स ने भी इस समंध में छात्रो के हित को देखते हुए इस खबर को प्रमुखता से स्थान दिया था.
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