सौरभ कुमार/स्ट्राईभर प्रशांत
कोसी टाइम्स @ मधेपुरा.
गुरवार को स्थानीय भूपेन्द्र चौक पर अखिल भारतीय विधार्थी परिषद की मधेपुरा ईकाई द्वारा कथित शैक्षणिक अराजकता को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला फूंका गया. इस पुतला दहन में शामिल एबीवीपी के कार्यकर्ता बिहार सरकार द्वारा असमय गर्मी की छुट्टी दे दिये जाने तथा नियोजित शिक्षकों के लगातार आन्दोलन के कारण पठन पाठन बाधित होने से आक्रोशित थे. इस अवसर पर छात्रों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद सदस्य सुग्रीव कुमार ने कहा कि बिहार सरकार छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकार का हनन कर रही है.कोसी विभाग संयोजक राहुल यादव ने कहा कि नियोजित शिक्षक सम्मानजनक वेतन को लेकर आन्दोलन कर रहे है. सरकार ने आन्दोलन को दबाने के लिए असमय स्कूल बंद कर दिया.
छात्रों को संबोधित करते हुए जिला संयोजक संतोष कुमार राज ने कहा की बिहार के मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री को लाखों गरीब बच्चों के शिक्षा से कोई लेना देना नहीं है. शिक्षक महीनों स्कूल बंद कर आन्दोलन कर रहे हैं ,लेकिन बिहार सरकार कान में तेल लेकर सोयी हुयी है.विवि परिसर उपाध्यक्ष ईशा असलम ने कहा कि छात्र थाली पीटकर अपना विरोध जता रहे हैं लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगती है.अगर ऐसा ही चलता रहा तो गरीबों के बच्चों की पढाई कैसे होगी ? अगर इस मसले को अति शीघ्र नहीं सुलझाया गया तो हम उग्र हो कर सड़क पर उतर कर आन्दोलन करने को बाध्य होंगे. इस अवसर पर एबीवीपी के शशि यादव, छबिनाथ कुमार, रुपेश कुमार, नीतीश कुमार , प्रिंस मौसम, शाशिद आलम, अजित कुमार सहित एबीवीपी के कई कार्यकर्ता मौजूद थे.
वहीं बीएन मंडल विवि में निगरानी टीम द्वारा जारी अनियमितताओं की जांच के बाबत सहरसा एबीवीपी के जिला संयोजक मुरारी झा’मयंक’ ने कहा है कि इससे एक उम्मीद जरूर जगी है,पर जब तक कोई ठोस उपाय नहीं होगा तब तक कोसी के हजारों गरीब छात्र का भला नहीं होने वाला है.उन्होनें कहा कि बहुत खुश तो नही हूं फिर भी उम्मीद जगी है कि बीएन मंडल विवि प्रशासन अपने आपको सुधारने को आगे तत्पर दिखे. इस विवि ने हमेशा से छात्रों को ठगने के अलावा कुछ नही किया हैं .क्या पता ये जाच भी अन्य जाँच के तरह मेनेज हो जाए. आज विश्वविद्यालय मे पढाई लिखाई तो होता नही है सिर्फ राजनीतिक दल के प्रतिनिधि का अड्डा बन गया है. विश्वविद्यालय एक भी मानक को पुरा करने मे सक्षम नही है. लेकिन जांचकर्ता को न तो पहले कोई खामिया दिखाई दिया और न ही शायद इस बार दिखाई दे. विवि के महाविद्यालयों मे जब पढाई लिखाई नही होता है तो दुसरा काम क्यो ? छात्रो को लुटकर उसे बर्बाद करने का साजिश विवि के हर महाविघालय द्वारा हो रहा है.नितीश सरकार की ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.बिहार सरकार के भ्रष्टाचार को ढ़कने के लिए जांच तो महज एक ढ़ोंग मात्र है.अगर बिहार सरकार ने बदहाल शिक्षा व्यवस्था को नहीं सुधारा तो एबीवीपी द्वारा सरकार के खिलाफ सड़कों पर आंदोलन किया जायेगा.
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