सौरभ कुमार ,कोसी टाइम्स @ मधेपुरा.
‘सर,प्रणाम…मेरा नाम प्रिया कुमारी(काल्पनिक नाम) है. मैं बहुत ही मुसीबत में हूं. मैं काफी गरीब हूं.मेरे माता-पिता इस दुनिया में नहीं हैं. लिहाजा मेरी पढ़ाई के साथ साथ सारी जिम्मेदारी मेरे मामा पर है. मां- पिता जी को गुजरे हुए कई साल हो गए हैं.मैं मैट्रिक फेल हूं, जिसके कारण मेरी शादी भी नहीं हो रही है. पिछले साल किसी तरह मेरी मामी ने अपने मायके में मेरी शादी लगाई थी किंतु मैट्रिक की परीक्षा में पास नहीं होने के कारण मेरी शादी नहीं हो पायी. लड़के वाला ने यह आश्वासन दिया है कि अगर इस बार मैं मैट्रिक पास कर जाऊंगी तो मेरी शादी हो जाएगी. अगर आप मुझसे प्यार करते हैं तो प्लीज मुझे अच्छे अंक से पास कर दीजिएगा.भगवान आपका भला करेगा. उत्तर पुस्तिका पर छात्रा ने अपना मोबाइल नंबर भी दर्ज कर दिया था. दर्ज मोबाइल नंबर पर आग्रह था कि आप इस नंबर पर अगर बात करेंगे तो मैं समझ लूंगी कि आप मुझे अच्छे अंक से पास कर एक नेक काम करेंगे.’
जी हां….मैट्रिक की कॉपी जांच रहे जिले के शिक्षकों को आजकल ऐसे ही भावुत दर्द भरे प्रेम पत्रों से दो-चार होना पड़ रहा है. छात्राओं का दु:ख भरा पत्र पढ़ कर कई शिक्षक भावुक हो जा रहे हैं,पर उत्तर पुस्तिका में सही तरीके से प्रश्नों का जवाब नहीं लिखे रहने के कारण परीक्षक असमंजस में पड़ जा रहे हैं कि क्या करें…नंबर दें कि नहीं दें.कॉपी जॉच रहे परीक्षकों ने यह भी बताया कि इसके साथ-साथ कई छात्र-छात्राओं ने उत्तर पुस्तिकाओं में 50 तथा सौ रूपये का नोट भी नत्थी कर दिया है ताकि रिश्वत के रूप में दिए गए उस नोट के प्रभाव में आकर परीक्षक संबंधित परीक्षार्थी को कम से कम पास कर दें…!यह हाल सिर्फ़ मधेपुरा में कॉपी जॉच रहे शिक्षकों का ही नहीं है,बल्कि बिहार के हर हिस्सें में कॉपी जॉच रहे परीक्षकों को ऐसी ही अनुनय-विनय और प्यार की पाती से भरी उत्तर पुस्तिकाओं से रोज दो-चार होना पड़ रहा है.
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