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बीएन मंडल विवि : फाईल दर फाईल अनियमितता…क्या विजिलेंस कर पायेगी पता ?

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आनंद कुमार ,बीएनएमयू @ कोसी टाइम्स.
कोसी क्षेत्र के एकलौते बी० एन० मंडल विश्वविद्यालय का अपने स्थापना काल फरवरी 1992 से ही विवादों से चोली दामन का साथ रहा है.कोसी इलाके के कई छात्र-छात्राओं के उम्मीदों और सपनों को रौंद कर ‘मंडल’ नाम को मलीन कर डालने वाले इस विश्वविद्यालय का अतीत इसमें दाखिला लेनेवाले छात्रों को आज भी रूला रहा है.अब सिंडिकेट सदस्य सत्यजीत यादव की शिकायत पर पटना से डीएसपी तारणी प्रसाद के नेतृत्व में निगरानी विभाग की एक टीम मंडल विवि में व्याप्त अनियमितताओं की जांच करने पहुंची है.अगर निगरानी की टीम फाईलों के तह-तह की सही जांच करें तो घोटालों और अनियमितताओं की फेहरिस्त इतनी लंबी हो सकती है कि इसकों रेकॉर्ड करने के लिए भी कई फाईलें तैयार हो जायेगी.

बी एन मंडल विवि में कल जब पूर्व के घोटालों की जांच करने विजिलेंस की टीम मधेपुरा पहुंची तो विवि के विभागों में हड़कंप मच गया.विवि के अधिकारी और कर्मचारी निगरानी की टीम से अपनी निगाहें चुराते नजर आये. काफी देर तक मांगी जा रही फाइलें ही विजिलेंस की टीम को नहीं मिल रही थी.मंडल विवि का कोई भी अधिकारी इस मसले पर कुछ भी कहने के लिए तैयार नहीं थे.विजिलेंस की टीम के सामने आने में भी वे आनाकानी कर रहे थे और आने पर पूछे जा रहे सवालों को अपने बजाय दूसरे की जवाबदेही मान कर कंधा उचका दे रहे थे.

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बता दें कि चार सदस्यीय विजिलेंस की टीम में डीएसपी तारणी प्रसाद, इन्स्पेक्टर जितेन्द्र कुमार सिंह, सब-इन्स्पेक्टर प्रवीण कुमार, कांस्टेबल मनोज कुमार शामिल हैं.मिली जानकारी के अनुसार विजिलेंस टीम पूर्व के कुलपति आर. के. चौधरी तथा आर. पी. श्रीवास्तव के कार्यकालों में वित्तीय अनियमितता के आरोपों की जांच करेगी. इन अनियमितता में पूर्व वीसी आर. पी. श्रीवास्तव के कार्यकाल वर्ष 2010 में दिल्ली से खरीदी गई एक करोड़ एक लाख की पुस्तकें समेत विश्वविद्यालय के द्वारा खरीद की गई कुल करीब दस करोड़ रूपये की पुस्तकें शामिल हैं. इसके अलावे हजारीबाग के जयमंगल इंटरप्राइजेज से दो करोड़ के प्रयोगशाला उपकरण की खरीद, वर्ष 2010 में ही बी.ए. पार्ट वन की दरभंगा गई उतरपुस्तिकाओं की जांच के लिए 67 लाख रूपये का भुगतान, पूर्व वीसी आर. पी. श्रीवास्तव के कार्यकाल के दौरान वित्तीय रोक के बावजूद ऑडिटोरियम के निर्माण के लिए बैक डेट में काटे गए 61 लाख रूपये के चेक आदि से सम्बंधित करीब दर्जन भर आरोपों की भी जांच करेगी.

अब देखना है कि बीएन मंडल विवि के तलघट में बैठी अनियमितताओं की तह तक निगरानी की इस टीम की निगाहें जा पाती है या फिर यह टीम भी अपने से पहले मंडल विवि में आ चुकी निगरानी की टीमों की तरह ही सतह पर से ही घोटालों और अनियमितताओं के कुछ छिट-पुट सबूतों को समेट कर वापस राजधानी पटना लौट जाती है….!

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