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अकीदतमंदों ने नमाज अदा कर मुल्क के अमन चैन और आपसी भाईचारे के साथ रहने की मांगी दुआ

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कुमारखंड,मधेपुरा / रमजानूल मुबारक की आखरी जुमा अलविदा का नमाज प्रखंड के सभी मस्जिदों में अकीदतमंदो ने अदाकर मुल्क की अमन चैन और आपसी भाईचारे के साथ रहनेकी दुआ मांगी। प्रखंड के विभिन्न पंचायत के मस्जिद बिशनपुर बाजार,पुरैनी,पोखरिया,रामनगर महेश, सिकरहटी, मंगलवारा,कुमारखंड अन्य मस्जिदों में रोजेदारों ने अलविदा जुमआ की नमाज अदा किया। मुस्लिम भाइयो ने मुल्क की अमन चैन,देश की तरक्की की और आपसी भाईचारगी की दुआ मांगी । बच्चे ,बूढ़े, घर में औरतों ने भी अलविदा जुमे की नमाज अदा किया साथ ही गुनाहों से बचने के लिए अल्लाह से दुआ मांगी ।

जामा मस्जिद सिकरहटी के शाही इमाम कारी फजलुर रहमान ने कहा रमजान की आखिरी जुम्मा को अलविदा कहा जाता है. अलविदा का मतलब विदा होना है रमजान की सभी जुम्मा में सबसे महत्व अलविदा जुमा को कहा गया है। जो ईमान वाले पहले मस्जिद पहुचते उसे ज्यादा सवाब मिलता है। रमजान माह की 21,23, 25 ,27,29 की रातों को शबे ए कद्र की रात कहा जाता है यह रात तमाम रातों से बेहतर रात माना गया है।

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वलमा ए कराम ने कहा रोजा में पूरे एहतराम के साथ अदा करना ही रोजा है रमजान माह की अहमियत व फजीलत पर रौशनी डालते हुए कहा कि रोजा रखने के साथ पांच वक्त की नमाज अदा करना हर बुराई से परहेज रहना रमजान की पूरे माह इबादत में मशगूल रहना रोजेदार तरावीह की नमाज अदा करना ये सभी फजीलत बयान किये।

रमजान उल मुबारक की आखिरी जुमा अलविदा में युवा, बच्चे, बुजुर्ग में काफी खुशी का माहौल देखने को मिला। सभी मस्जिदों में सैकड़ों अकीदमंद ने नमाज अदा कर अल्लाह से दुआ मांगी।

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