तेज प्रताप ने ट्वीट कर की आरजेडी से इस्तीफा देने की घोषणा
बीजेपी ने बताया दिशाविहीन, जेडीयू का भी समर्थन नहीं
पटना ब्यूरो/राबड़ी देवी के पटना आवास पर शुक्रवार को आयोजित इफ्तार पार्टी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आमंत्रित किया गया। इसके बाद राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने नीतीश कुमार से गुप्त बात का हवाला देते हुए बिहार में जल्द ही बड़ा राजनीतिक खेल होने का दावा किया। फिर, उसी इफ्तार पार्टी में एक आरजेडी नेता की तेज प्रताप द्वारा पिटाई के आरोप ने नया विवाद खड़ा कर दिया। इसके बाद अब तेज प्रताप ने आरजेडी से इस्तीफे की घोषणा कर हड़कम्प मचा दिया है। तेज प्रताप के फैसले व बयान पहले भी पार्टी व परिवार को असहज करते रहे हैं। अब बड़ा सवाल यह है कि आरजेडी से इस्तीफा की घोषणा के पीछे उनकी मंशा क्या है?
तेज प्रताप यादव ने ट्वीट कर कहा है कि वे आरजेडी से इस्तीफा देने जा रहे हैं। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा कि वे हमेशा अपने पिता लालू प्रसाद यादव के रास्ते पर चलते रहे हैं। सभी कार्यकर्ताओं को सम्मान दिया। उन्होंने जल्द ही पिता से मिलकर पार्टी से इस्तीफा देने की घोषणा की। तेज प्रताप यादव ने इस ट्वीट के साथ लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी एवं मीसा भारती को टैग भी किया।
इसके कुछ घंटों के भीतर तेज प्रताप ने फेसबुक पर मां राबड़ी देवी के साथ अपनी तस्वीर पोस्ट की। तस्वीर में राबड़ी देवी प्यार से उनका सिर सहला रही हैं। बताया जा रहा है कि तेज प्रताप ने इस तस्वीर को पूरे विवाद में मां राबड़ी देवी का साथ मिलने का संकेत दिया है।
तेज प्रताप के उक्त दोनों ट्वीट की पृष्ठभूमि में पटना महानगर युवा आरजेडी अध्यक्ष रामराज का तेज प्रताप पर शुक्रवार की इफ्तार पार्टी के दिन कमरे में बंद कर पीटने व गालियां देने का आरोप है। रामराज के अनुसार तेज प्रताप ने उनके अलावा लालू प्रसाद यादव एवं तेजस्वी यादव के खिलाफ भी अपशब्दों का इस्तेमाल किया।
आरोप के बाद तेज प्रताप ने फिर बड़ी बात कह डाली। उन्होंने कहा कि रामराज आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह , तेजस्वी के सलाहकार संजय यादव एवं एमएलसी सुनील सिंह के बहकावे में ऐसे आरोप लगा रहे हैं। तेजप्रताप ने रामराज के साथ की अपनी एक तस्वीर भी फेसबुक पर पोस्ट की।
दरअसल, लालू परिवार में सत्ता को लेकर खींचतान की बात कही जाती रही है। सूत्र बताते हैं कि तेज प्रताप यादव तेजस्वी के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी तो खुद के लिए आरजेडी की कमान चाहते हैं। मगर इसकी संभावनाएं कम दिख रही हैं। तेज प्रताप को लेकर पार्टी में भी विरोध है। खुद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह एक अवसर पर तल्ख लहजे में पूछ चुके हैं- हू इज तेज प्रताप? अपने ताजा ट्वीट में तेज प्रताप ने भी तेजस्वी के करीबी व सलाहकार संजय यादव, राबड़ी देवी के करीबी एमएलसी सुनील सिंह तथा पिता लालू प्रसाद यादव के पुराने सहयोगी जगदानंद सिंह को अपने खिलाफ साजिश रचने वाला बताया है।
तेज प्रताप को सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी व जनता दल यूनाइटेड से भी समर्थन मिलता नहीं दिख रहा है। बीजेपी कोटे से ही मंत्री नितिन नवीन कहते हैं कि इस्तीफा की पेशकश तेज प्रताप यादव की गीदड़ भभकी है। तेज प्रताप यादव राजनीतिक रूप से दिशा विहीन हैं। उधर, जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार आरजेडी कार्यकर्ता की पिटाई पर कहते हैं कि लालू की पार्टी में जंगलराज है। उसमें लालू परिवार का आतंक फैला हुआ है। वे तेजप्रताप पर लालू के रास्ते पर चलने का आरोप भी लगाते हैं।
बिहार की राजनीति पर करीब से नजर रखने वाले जानकारों का कहना है कि मौटेतौर पर यह लालू प्रसाद यादव के विरासत पर कब्जे की जंग है, जिसमें लालू के बड़े बेटे खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। हालांकि, तेज प्रताप यादव बार-बार यह कहते आ रहे हैं कि उन्होंने अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव को अर्जुन बनाया है और वह खुद कृष्ण की तरह सारथी की भूमिका में रहेंगे। सूत्रों के मुताबिक, तेज प्रताप यादव इसके बदले संगठन में अपनी मजबूत भूमिका चाहते हैं, लेकिन अब तक उन्हें निराशा मिलती आ रही है। तेज प्रताप के करीबियों का कहना है कि लालू के बड़े बेटे जहां छोटे के लिए लगातार त्याग कर रहे हैं तो बदले में तेजस्वी से उन्हें उपेक्षा ही मिल रही है।
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह से तेज प्रताप का झगड़ा जगजाहिर है। लंबे समय से तेज प्रताप यादव ने जगदानंद सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि तेज प्रताप यादव चाहते थे कि भाई तेजस्वी यादव जगदानंद सिंह को पद से हटा दें, लेकिन तेजस्वी यादव और खुद लालू प्रसाद यादव जगदानंद सिंह के साथ मजबूती से खड़े रहे हैं। इससे तेज प्रताप यादव आहत थे।
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