अमित कुमार वर्मा/अमर प्रताप
स्पेशल डेस्क @ कोसी टाइम्स.
भूकंप का पहले से अनुमान लगा पाना अभी तक संभव नहीं हैं…. अभी तक ऐसा कोई यंत्र नहीं बना है,जो भूकंप का पूर्व अनुमान लगा सके.लेकिन फेसबुक,ट्विटर,व्हाट्सअप जैसे सोशल मीडिया के कुछ बेरोजगार वैज्ञानिक लगातार ये अफवाह फैला रहे हैं कि फलां दिन फलां समय पर फिर भूकंप आने वाला है.यहां तक कि हाई पावर सिस्मोग्रॅाफ(भूकंप की तीव्रता मापने वाला यंत्र)भी भूकंप का पूर्व अनुमान नहीं लगा सकता है,केवल भूकंप होने के बाद इसकी तीव्रता को माप सकता है.विश्व की सबसे विश्वसनीय वैज्ञानिक संस्था ‘नासा'(NASA) के पास भी अभी ऐसा कोई उपकरण नहीं है,जिससे यह पता लग सके कि कब भूकंप आने वाला है,लेकिन अफवाहों के कुछ सौदागर नासा के साथ-साथ बीबीसी न्यूज़ का नाम भी अपने द्वारा फैलाये जा रहे अफवाह में घसीट रहे हैं ताकि अफवाह विश्वसनीय प्रतीत हो.
अभी ताजा-ताजा जो अफवाह नासा और बीबीसी के नाम से फैलाया जा रहा है,वह यह कि देर रात में धरती के नजदीक से कॉस्मिक किरणें गुजरेंगी.इस अफवाह के साथ-साथ यह भी अपील की जा रही है कि रात को अपना मोबाईल स्विच ऑफ कर लें.जब हमने तहकीकात की तो पता चला कि नासा और बीबीसी की जिस खबर का हवाला देकर यह अफवाह फैलायी जा रही है,वह खबर 10 मार्च 2014 के दिन के बारे में थी.वहीं राजधानी पटना में पीने के पानी का कारोबार करनेवाले कुछ व्यापारियों ने अफवाह फैला दिया कि भूकंप के कारण पानी जहरीला हो गया है,अत: पीने का पानी खरीद कर ही पीजिए.हालांकि पटना प्रशासन ने त्वरित कार्यवाई करते हुए इन अफवाह के सौदागरों को हवालात की हवा खिला दी.किसी भी अपात स्थिति में बिहार राज्य आपदा नियंत्रण कक्ष से हेल्पलाइन नंबर 0612-2217305 पर संपर्क किया जा सकता है.
‘कोसी टाइम्स’आप सबों से दोबारा अपील करती है कि आपदा की इस घड़ी में संयम से काम लें,अफवाहों पर ध्यान न दें और खुद भी बिना जांचें-परखे किसी के भूकंप से संबंधित पोस्ट को किसी भी सोशल मीडिया के माध्यम में शेयर न करें.पहले हकीकत पता कर ले ,फिर अपने टाइमलाइन पर उसे पब्लिश करें.इस आपदा में मारे गए सभी लोगों के प्रति कोसी टाइम्स समाचार समूह गहरी संवेदना व्यक्त करती है.
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