चंचल कुमार
कोसी टाइम्स @ पूर्णिया.
पूर्णिया में सरकारी मेडिकल कालेज के शुरू होने पर फिलहाल ग्रहण लग गया है. कालेज के लिए बहाल हुए प्राध्यापक चिकित्सकों को बिहार सरकार ने वापस बुला लिया है और सूबे के विभिन्न मेडिकल कालेजों में योगदान करने का निर्देश जारी किया है. पूर्णिया मेडिकल कालेज के लिए बहाल हुए छह चिकित्सकों को विरमित कर दिया गया है. वहीं पूर्णिया मेडिकल कालेज को मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया द्वारा अब तक मान्यता नहीं मिलने के बाद यहां कालेज खुलने की आशा खत्म सी होती नजर आ रही है.
मेडिकल कालेज पूर्णिया सदर अस्पताल में बनाया जाना था, इसके लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य बहुत पहले की पूरा कर लिया गया है. मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा कई बार सदर अस्पताल का निरीक्षण किया गया. सदर अस्पताल की स्टेंथ की जानकारी ली गई. क्या-क्या उपकरण है इसकी भी सूची सौंपी गयी ,लेकिन मेडिकल कालेज के भवन निमार्ण के लिए कोई कार्य शुरू नहीं किया गया. मेडिकल कालेज में पढ़ाई शुरू करने के लिए भवन से लेकर छात्रावास बनाया जाना जरूरी है. जबकि राज्य सरकार ने घोषणा की थी कि सत्र 2015-16 के लिए पूर्णिया मेडिकल कालेज में छात्रों का नामांकन लेकर पढ़ाई शुरू की जाएगी. मेडिकल कालेज के लिए सभी मापदंड पूरा होने के बाद ही मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया द्वारा निरीक्षण किया जाता. लेकिन मापदंड पूरा नहीं होने की स्थिति में मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया ने पूर्णिया मेडिकल कालेज को मान्यता ही नहीं दिया. सरकार इसके लिए मापदंड पूरा करने की बजाय मेडिकल कालेज के लिए बहाल चिकित्सकों को वापस बुलाने की प्रकिया शुरू कर दी. स्वास्थ्य विभाग के आदेश के आलोक में पूर्णिया मेडिकल कालेज के लिए बहाल प्राध्यापक डा नवल किशोर प्रसाद को हटा बेतिया मेडिकल कालेज भेज दिया गया है. इसी तरह डा उमेश कुमार, डा शिवदानी चौधरी, डा जानकी नंदन ठाकुर, डा दीनानाथ प्रसाद, डा जयंत कुमार देशदीपक को पावापुर समेत अन्य मेडिकल कालेजों में योगदान करने का निर्देश जारी किया गया है. सिविल सर्जन डा एसएन झा ने कहा कि सरकार के निर्देश के आलोक में विरमित करने की कार्रवाई शुरू की गई है.सरकार के इस फैसले से सीमांचल के लोगों का इंतजार और लंबा हो गया है.
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