रंजन सिन्हा
समानांतर और व्यावसायिक सिनेमा में उभरते अभिनेता हैदर काजमी की हिंदी फिल्म ‘जेहाद’ जल्द ही देश भर में रिलीज होगी। रिलीज से पहले ही इस फिल्म ने इंटरनेशनल लेवल पर अपनी पहचान बनाई है। यह फिल्म जहां टोरंटो इंटरनेशनल नॉलिवुड फिल्म फेस्टिवल (टीआईएनएफएफ) के फाइनलिस्ट श्रेणी चुनी गई है वहीं, लॉस एंजिल्स इंडिपेंडेंट फिल्म फेस्टिवल अवार्ड्स (एलएएफएफए) के लिए भी इसका आधिकारिक चयन हो चुका है।
फिल्म के बारे में अभिनेता हैदर काजमी का कहा है कि इस फिल्म के माध्यम से ‘जेहाद’ शब्द के अर्थ को समझाने की कोशिश की गई, जो सामान्यत: आम लोगों की बीच आतंकवाद समझा जाता है। जबकि ‘जेहाद’ स्वयं की भावनाओं को नियंत्रित करने और दिल को शुद्ध करने के लिए खुद का संयम है, जिसका आतंकवाद से इसका कोई लेना-देना नहीं है। इसका मतलब ही है इस्लामिक धर्म और संस्कृति द्वारा दिखाए गए सही रास्ते पर चलना।
बिहार से आने वाले इस अभिनेता ने बताया है कि इस फिल्म के विषय-वस्तु पर निर्देशक राकेश परमार ने कड़ी मेहनत की है। वहीं, फिल्म की शूटिंग जम्मू और कश्मीर के उन वास्तविक और खूबसूरत लोकेसंसपर की गई हैं, जहां काम करना आसान न था। लेकिन हमने ऐसा किया। मैं और मेरे को-स्टार के अलावा कश्मीर से भी तकनीशियन व अन्य स्टाफ ने मिलकर वहां फिल्म की शूटिंग की।
दिल्ली के थियेटर जगत में मशूहर अभिनेता हैदर ने अभिनय और व्यावसायिक फिल्मों के बारे चर्चा करते हुए कहा कि आज जमाना दोनों के बीच सामंजस्य बनाकर चलने का है, तभी नसीरउद्दीन शाह, ओमपुरी, स्मिता पटेल, सबाना आजमी के बाद मौजूदा समय में इरफान और नवज जैसे अभिनेता को बेहतर पहचान मिली है। उन्होंने कहा कि मैंने इंडस्ट्री में केवल मजबूत और गहन भूमिकाएं करने का निर्णय लिया था, क्योंकि मैं गुणवत्ता पूर्ण काम को दृढ़ता से करने में विश्वास करता हूं। इसलिए मैंने पाथ, बॉबी और काजरी जैसी फिल्मों में अभिनय किया। ये तीनों फिल्में बॉक्स ऑफिस पर दर्शकों और समीक्षकों द्वारा अत्यधिक सराही गई।
फिल्म निर्माता और वयोवृद्ध अभिनेता-निर्माता- निर्देशक मनोज कुमार की खोज हैदर काजमी को अपनी फिल्म ‘जेहाद’ से काफी उम्मीदें है, जिसको लेकर वे कहते हैं कि फिल्म को भारत में खास स्क्रीन के दौरान प्यार मिला है और उम्मीद है कि जब यह देश भर में रिलीज होगी, तब 2017 की ब्लॉकबस्टर फिल्म साबित होगी। उन्होंने कहा कि यह फिल्म आतंकवाद और उनकी भयावहता पर आधारित नहीं है। फिल्म में हमने अवांछित खून – खराबे, आतंकवादियों के अनचाहे गतिविधियों जैसे चीजों को अलग रखा है।
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