भूपेंद्र यादव
स्पेशल डेस्क @ कोसी टाइम्स.
हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का सोमवार को शिलॉन्ग में एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया.
‘आम लोगों के राष्ट्रपति’ कहे जाने वाले कलाम छात्रों के बीच ख़ासे लोकप्रिय थे.
वो अक्सर छात्रों से बातें करते थे और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते थे.पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सादगी भरे जीवन के लिए पहचाने जाते थे.
‘मिसाइल मैन’ कहे जाने वाले डॉक्टर कलाम भारत के सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपतियों में से एक माने जाते हैं. रष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद वह युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए स्कूलों-कॉलेजों में संवादों में शिरकत किया करते थे.एक नज़र उनकी कहीं कुछ प्रेरक बातों पर डालते हैं.
आपका सपना सच हो, इससे पहले आपको सपना देखना होगा.
श्रेष्ठता एक सतत प्रक्रिया है, कोई हादसा नहीं.
जीवन एक मुश्किल खेल है. आप इंसान होने के अपने जन्मजात अधिकार को बरक़रार रखते हुए ही इसे जीत सकते है
इंसान को मुश्किलों की ज़रूरत पड़ती है क्योंकि सफलता का आनंद उठाने के लिए ये मुश्किल बहुत ज़रूरी हैं.
हमें तभी याद रखा जाएगा जब हम अपनी युवा पीढ़ी को एक समृद्ध और सुरक्षित भारत दे पाएं. इस समृद्धि का स्रोत आर्थिक समृद्धि और सभ्य विरासत होगी.
जो लोग मन से काम नहीं कर सकते, उन्हें जो सफलता मिलती है वो खोखली और आधी-अधूरी होती है जिससे आसपास कड़वाहट फैलती है.
शिक्षाविदों को छात्रों के लिए बीच समानता, रचनात्मकता, उद्यमिता और नैतिक नेतृत्व की भावना विकसित करनी चाहिए और वे छात्रों का आर्दश बनें.
आसमान की तरफ देखिए. हम अकेले नहीं हैं. पूरा ब्रह्मांड हमारा दोस्त है और वो उन्हीं को सबसे सर्वोत्तम देता है जो सपने देखते हैं, मेहनत करते हैंअगर किसी देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनना है, सुंदर मस्तिष्कों वाला देश बनना है तो मेरी साफ़ राय है कि समाज के तीन सदस्यों की इसमें बहुत अहम भूमिका है. ये तीन लोग हैं पिता, मां और अध्यापक.
मेरा संदेश, ख़ासकर युवा लोगों के लिए ये है कि वो अलग तरीक़े से सोचने का साहस दिखाएं, आविष्कार करने का साहस दिखाएं, अंजाने रास्तों का सफ़र करें, असंभव लगने वाली चीजों को खोजें और समस्याओं पर विजय पाते हुए सफलता हासिल करें. ये वो महान गुण हैं जिन्हें हासिल करने की दिशा में उन्हें काम करना है. युवाओं के लिए यही मेरा संदेश है.
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