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मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार समाज सुधार यात्रा के क्रम में शनिवार को पहुंचे बेगूसराय

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पटना/ बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार समाज सुधार यात्रा के क्रम में शनिवार को बेगूसराय पहुंचे। उन्‍होंने यहां जीविका दीदियों के साथ शराबबंदी, बाल विवाह और दहेज उन्‍मूलन जैसे विषयों पर संवाद किया। इस दौरान अधिकारियों की अनदेखी से सीएम का एक दावा अगले ही दिन फेल होता दिखा। दरअसल, एनडीए विधान मंडल दल की बैठक में शुक्रवार को ही हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा ने अफसरों द्वारा जनप्रतिनिधियों की अनदेखी का मसला उठाया था। इसके बाद मुख्‍यमंत्री ने कहा था कि अब ऐसी शिकायत नहीं होने दी जाएगी। लेकिन, बेगूसराय में मुख्‍यमंत्री की सभा में ठीक इसके उलट हो गया। यहां मंच पर बैठे विधायकजी पर किसी ने ध्‍यान तक नहीं दिया। हालांकि कार्यक्रम खत्‍म होने से पहले मुख्‍यमंत्री ने अधिकारियों की गलती खुद ही सुधार दी।

सीएम के इस कार्यक्रम में बतौर जनप्रतिन‍िधि बखरी के सीपीआइ विधायक सूर्यकांत पासवान भी मौजूद थे। लेकिन उनको मंच पर बैठने की जगह मिलने के बावजूद काफी असहज महसूस करना पड़ा। दरअसल, हर अतिथि ने सभा को संबोधित करने के दौरान मंच पर बैठे करीब-करीब हर जनप्रतिनिधि का नाम लिया, लेकिन किसी ने सीपीआइ विधायक का नाम नहीं लिया। इससे पहले जिले के एक अधिकारी ने भी विधायक की उपेक्षा कर दी। दरअसल, अधिकारी ने मंच पर बैठे सभी विधायकों, विधान पार्षदों और अन्‍य अतिथियों को पुष्‍प गुच्‍छ देकर स्‍वागत किया, लेकिन सीपीआइ विधायक को उन्‍होंने भी छोड़ दिया। आपको यह भी बता दें कि कार्यक्रम में बखरी विधायक को छोड़कर विपक्षी दलों का कोई बड़ा नेता शामिल नहीं हुआ।

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कार्यक्रम के आखिर में मुख्‍यमंत्री का संबोधन हुआ तो उन्‍होंने एक-एक कर सभी विधायक, विधान पार्षद और मंत्रियों के अलावा पार्टियों के पदाधिकारियों को भी नाम लेकर सम्‍मान दिया। उन्‍होंने सभी जनप्रतिनिधियों और नेताओं का नाम लेने के बाद ही वरिष्‍ठता क्रम के अनुसार अधिकारियों का नाम लेना शुरू किया। मुख्‍यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करने वाली जीविका दीदियों तक का नाम लिया। मुख्‍यमंत्री ने बखरी विधायक को सूर्य नारायण पासवान कहकर संबोधित किया।

कार्यक्रम के दौरान जीविका दीदियों ने बिहार में समाज सुधार के लिए हो रहे प्रयासों से उनके जीवन में हुए बदलाव के अनुभव को साझा किया। बेगूसराय छौड़ाही की शोभा दीदी ने बताया कि पति की मौत के बाद किस तरह जीविका से जुड़कर उन्‍होंने खुद को स्‍वावलंबी बनाया। कुछ इसी तरह के अनुभव अलौली खगड़‍िया की निभा दीदी ने साझा किए। उन्‍होंने बताया कि पति शराब पीकर मारपीट करता था। पति ने बाद में दूसरी शादी कर ली और उन्‍हें उपेक्षित छोड़ दिया। जीविका से जुड़कर उन्‍होंने खुद को अपने पैरों पर खड़ा किया।

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