पटना/ बिहार विधानमंडल का बजट कालीन सत्र शुक्रवार को प्रारंभ हो गया। महीने भर चलने वाले इस सत्र के पहले ही दिन राजद, कांग्रेस और भाकपा माले ने सदन के बाहर जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर अलग-अलग मुद्दों पर प्रदर्शन किया और सरकार को अपनी ताकत का एहसास कराने की कोशिश की। सदन की कार्यवाही प्रारंभ होने के पूर्व हिजाब कानून, माब लिंचिंग, चंपारण में गांधी की प्रतिमा खंडित करने के साथ ही अन्य मुद्दों पर विपक्ष के नेता सदन के बाहर तख्तियां और डिस्प्ले बोर्ड लेकर प्रदर्शन करते नजर आए।
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सदन की कार्यवाही शुरू होने के पूर्व सदन के बाहर प्रदर्शन के दौरान राजद नेता मुकेश रोशन खिलौना हेलीकाप्टर लेकर विरोध दर्ज कराते नजर आए। श्री रोशन का कहना था सरकार शराबबंदी कानून के कड़ाई से पालन करने और अवैध कारोबारियों पर शिकंजा कसने के नाम पर ड्रोन और हेलिकाप्टर की मदद ले रही है। लेकिन यह जनता के पैसों का दुरुपयोग है। उन्होंने कहा राज्य में डबल इंजन की सरकार जनता को मूर्ख बना रही है।
सदन के बाहर हिजाब कानून को लेकर भी प्रदर्शन हुआ। भाकपा माले नेताओं ने बेगूसराय में हिजाब कानून के नाम पर महिला के उत्पीडऩ और बिहार के प्रतीक चिह्न के साथ खिलवाड़ को लेकर प्रदर्शन किया। नेताओं के आरोप थे कि भगवाकरण के नाम पर प्रदेश में ऐसी चीजों को बढ़ावा दिया जा रहा जिनका आम आदमी के जीवन में कोई स्थान नहीं। माले नेताओं ने नेताओं ने चंपारण में महात्मा गांधी की प्रतिमा तोडऩे का विरोध भी किया।
कांग्रेस नेताओं ने समस्तीपुर में माब लिंचिंग को लेकर आवाज बुलंद की। नेताओं का आरोप था कि बिहार में कानून नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। पुलिस अपराधियों पर कार्रवाई करने की बजाय शराबबंदी कानून को लागू करने में जुटी है। नतीजा माब लिंचिंग की घटनाएं हो रही हैं और भीड़ अपना कानून चला रही है। सरकार इस तरह की घटनाओं पर पूरी तरह से मौन है। बता दें कि शुक्रवार को प्रारंभ हुआ विधानमंडल का बजट सत्र महीने भर चलेगा। इस दौरान सरकार वर्ष 2022-23 का बजट और 2021-22 का तृतीय अनुपूरक बजट भी पेश करेगी। महीने भर के सत्र के दौरान कुल 22 बैठकें होंगी।
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