सौरभ कुमार/आनंद कुमार,कोसी टाइम्स @ बीएनएमयू,मधेपुरा.
दृश्य एक : राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले पर अमल करते हुए जेएनवी विश्वविद्यालय(जोधपुर) ने अपनी एक छात्रा का एक साल बर्बाद होने से बचा लिया.हाईकोर्ट ने एमए फाइनल ईयर की छात्रा के याचिका दाखिल करने के महज आधे घंटे के अंदर न केवल उसकी सुनवाई की,बल्कि विवि को उसका एक साल खराब होने से बचाने का फरमान सुना दिया.
दरअसल,उपासना दाधीच नाम की छात्रा जेएनवीयू से पॉलटिकल साइंस में एमए कर रही थी,लेकिन पिछले साल की परीक्षा व्यवस्था से गफलत में थी.उसने फाइनल में प्रवेश के लिए फॉर्म तो भर दिया था,पर जब परीक्षा से पहले उसने एडमिट कार्ड डाउनलोड करना चाहा तो उसे विवि के वेबसाइट पर फॉर्म जमा नही होने की जानकारी मिली.फिर क्या था,उसने झट से जज अरूण भंसाली के सामने विवि के खिलाफ अपील दायर की और जज साहब ने भी एक मिसाल कायम करते हुए पट से विवि प्रसाशन को छात्रा का एक साल खराब न करने का फरमान तुरंत जारी कर दिया.
दृश्य दो :अब सवाल उठता है कि क्या बीएन मंडल विवि अपने किसी छात्र के लिए कभी ऐसा कर पायेगा ? जानबूझ कर जवाब सोचने के लिए आपको छोड़ रहा हूं…!वैसे एबीवीपी के कोसी विभाग संयोजक राहुल यादव,मधेपुरा जिला संयोजक संतोष राज,सहरसा जिला संयोजक मुरारी झा,टीपी कॉलेज अध्यक्ष अमोद कुमार,विवि एबीवीपी के रंजन यादव,छात्र रालोसपा के अभिषेक कुशवाहा,एआईएसएफ के हर्षवर्धन राठोैड़,छात्र राजद के रतीश यादव,विकास यादव,विवेक कुमार,अमित राणा आदि छात्र नेताओं का मानना है कि बीएन मंडल विवि प्रशासन इस मिसाल भरे मामले से कुछ भी सीखने वाला नही है.
एबीवीपी के राहुल यादव व संतोष राज कहते हैं कि जेएनवीयू को अपने एक छात्रा के एक साल का ख्याल करना पड़ता है,जबकि बीएनएमयू अपने हजारों छात्रों के एक साल को हर साल विलंब सत्र के कारण खराब करता है.राजद के रतीश यादव कहते हैं कि हम विवि पर हाईकोर्ट में मानहानि का मुकदमा करेंगे…चलिए हम भी दुष्यंत कुमार के इस कन्वर्टेड शेर के साथ बीएन मंडल विवि में बदलाव की उम्मीद करते हैं कि..
मेरे सीने न सही,तेरे सीने में ही सही….आग कहीं भी हो,जलनी चाहिए.
बीएन मंडल विश्वविद्यालय की विधि-व्यवस्था छात्रहित में बदलनी चाहिए..!
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