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अररिया : चोरी हुए अनमोल रत्नों को लेकर प्रसेनजित ने आरटीआई लगा किया खुलासा

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अररिया /बिहार विकास युवा मोर्चा के अध्यक्ष सह आरटीआई एक्टिविस्ट प्रसेनजीत कृष्ण ने संग्रहालय निदेशालय से एक आरटीआई लगाकर राज्य भर के अनमोल रत्नों की हुई चोरी के बारे में जानकारी मांगा था उक्त आवेदन के आलोक में निदेशालय ने बताया की बिहार में राजकीय संग्रहालयों की संख्या 25 है. राजकीय संग्रहालय में सुरक्षा के लिए कार्यरत गृह रक्षा वाहिनी के लिए मानदेय का भुगतान हेतु जुलाई 2019 से दिसंबर 2019 तक के लिए चौरानवे लाख 74 हजार 400 रुपए का राशि आवंटित किया गया था।

जानकारी अनुसार पटना म्यूजियम पटना दिनांक 27-28 अप्रैल 1939 को पटना म्यूजियम पटना के ब्रज कक्ष से कुल 502 सोना के सिक्के एवं छह स्वर्ण सामग्री चोरी हुए थे. दिनांक 1.12.1976 को पटना म्यूजियम पटना से राहुल कक्ष से 2 तिब्बती धातु प्रतिमाएं 19वीं सति ई. ईस्वी की चोरी हुई थी. दिनांक 7.12 1983 को पटना म्यूजियम पटना के राजेंद्र कक्ष दीर्घा से 11 वस्तुओं की चोरी की गई थी. दिनांक 24-25 सितंबर 2006 को पटना म्यूजियम के कान्स दीर्घा से 18 कान्स की मूर्ति चोरी हुई थी जिसमें सीबीआई के द्वारा 17 मूर्तियां बरामद कर ली गई है एक मूर्ति अभी तक अप्राप्त है. वहीं महाराजाधिराज लक्ष्मीश्वर सिंह संग्रहालय दरभंगा से 1982 में चोरी कांड से संबंधित सूचना 842/18 दिनांक 25.8.18 के द्वारा थाना प्रभारी नगर थाना दरभंगा से मांगी गई है जो अभी तक अप्राप्त है .नारद म्यूजियम नवादा दिनांक 7 दिसंबर 2000 को म्यूजियम नवादा से कुल 17 कलाकृतियों की चोरी हुई जिसमें नगर थाना में एफ आई आर दर्ज कराया गया जिसका कांड संख्या 300/2000 दिनांक 7.12.2000 धारा 461, 379 के विरूद्ध अज्ञात के कांड पंजीकृत किया गया है उक्त कांड में नगर थाना नवादा के द्वारा अनुसंधान और अंतिम प्रतिवेदन संख्या 313/ 2001 दिनांक 31.12 2001 धारा 461,379 के द्वारा सत्य सूत्रहीन समर्पित किया गया.

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भागलपुर म्यूजियम भागलपुर दिनांक 30.11.1986 को भागलपुर म्यूजियम से कुल 15 धातु की मूर्तियां चोरी की गई थी.मूर्तियों की चोरी के संबंध में तत्कालीन म्यूजियम के चेयरमैन के द्वारा इस कार्यालय के पत्र 428 दिनांक 1.12.1986 के द्वारा कार्रवाई हेतु प्राथमिकी दर्ज की गई उक्त पत्र के आलोक में कोतवाली थाना भागलपुर के कांड संख्या 712 दिनांक 01.12 .1986 धारा 462 एवं 379 के अंतर्गत दर्ज की गई। प्राथमिकी के आलोक में कोतवाली थाना के स्तर से की गई कार्रवाई से इस कार्यालय को अभी तक अवगत नहीं कराया गया है .इसके अलावा रामचंद्र शाही म्यूजियम मुजफ्फरपुर में वर्ष 1992 ईएवं 1995 ई में दो बार चोरी की घटना घटित हुई है जिसका मिठनपुरा थाना मुजफ्फरपुर में प्राथमिकी संख्या 159/ 93 दिनांक 20.12 .1993 एवं प्राथमिक की संख्या 4 /95 दिनांक 11.1. 1995 प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी परंतु कोई भी वस्तु अभी तक प्राप्त नहीं हो सका है जहां तक चोरी किए गए वस्तु संग्रह के कीमत का प्रश्न है तो संग्रहालय अनुशासन में संग्रह की संबंध में व्याख्यान की जाती है म्यूजियम में सुरक्षित अनमोल रत्नों का मूल्य निर्धारण की परंपरा नहीं है  इसे अनमोल रत्न में माना जाता है जिसके कीमत का आकलन करना कतई उचित नहीं है .

मोर्चाध्यक्ष प्रसेनजीत कृष्ण ने कहा की म्यूजियम पर देखरेख के लिए लाखों खर्च होने के बाद भी हमारे अनमोल रत्न तस्करी के शिकार हो रहे हैं और चोरी की गई अनमोल रत्नों को इंटरनेशनल मार्केट अरबों खरबों में बेचा जा रहा है.

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