चंचल कुमार
कोसी टाइम्स @ मधेपुरा.
पटना के गांधी मैदान में महागठबंधन की स्वाभिमान रैली में पहुंची भीड़ ने यह तय कर दिया है कि बिहार विधानसभा के समर में कांटे का मुकाबला होगा. मुजफ्फरपुर, गया और सहरसा में प्रधाममंत्री नरेन्द्र मोदी ने लगातार तीन बड़ी रैलियां कीं और चौथी रैली 1 सितम्बर को भागलपुर में करने जा रहे हैं. ऐसी स्थिति में महागठबंधन के लिए इन रैलियों का जवाब देना और अपनी ताकत का जमीनी एहसास कराना जरूरी हो गया था.अपने अपने अहं को दरकिनार कर रैली में जदयू, राजद, कांग्रेस और सपा के नेताओं का एक मंच पर इकट्ठा होना महागठबंधन के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जायेगी.अभी तक महागठबंधन की मौजूदगी सोशल मीडीया और मीडीया में बयानबाजी तक ही दिखाई पड़ रही थी.लेकिन इस रैली के बाद लगने लगा है कि अब महागठबंधन अपनी तरफ से कोताही बरत कर एनडीए को लीड लेने का कोई मौका नहीं देना चाहती है.
रैली में बोलते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि बिहार में “नीतीशजी के नेतृत्व में अच्छा काम हुआ है”, साथ ही साथ वे यह कहना भी नहीं भूलीं कि “लालूजी का भी इसमें सराहनीय योगदान रहा है.“ नीतीश ने डीएनए के मुद्दे पर मोदी को घेरने की हर सम्भव कोशिश की और कहा कि “बिहार का इतिहास केवल देश का नहीं बल्कि पूरी मानव सभ्यता का इतिहास है और हमारा डीएनए खराब है..?” मोदी के दिए पैकेज को उन्होंने “पुराने पैकेज की रिपैकेजिंग” बताया और ‘जंगलराज’ का जवाब देते हुए कहा कि “भाजपा के दफ्तर से मुख्यंमंत्री की छाती तोड़ने की धमकी दी जाती है और लालू जी का नाम लेकर आप जंगलराज की बात करते हैं. बिहार में जंगलराज नहीं कानून का राज है.“ ‘जंगलराज’ पर लालू से पहले नीतीश का जवाब देना बदले हालात में बदलती राजनीति की बड़ी बानगी है.जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि “देश को बदलने का काम बिहार से शुरू होता है और इस बार भी ये काम बिहार से ही होगा.”
रैली के अंत में बोलते हुए लालू प्रसाद यादव अपने पूरे रौ में दिखे.जब वे भाषण के लिए खड़े हुए तो मौजूद भीड़ का उत्साह देखते ही बन रहा था. उनके पूरे भाषण के दौरान लोगों में जो उमंग और उत्साह था, उससे यह साफ हो गया है कि बिहार में उनका जादू आज भी बरकरार है. उन्होंने अपने अंदाज में कहा कि “दो पिछड़ों का बेटा साथ आया तो कहते हैं जंगलराज आ गया..! ये जंगलराज पार्ट –2 नहीं, मंडलराज पार्ट –2 है.“ यादव वोट बैंक को अपना बताने से भी वे नहीं चूके और अपनी रौ में कह डाला कि “यादवों को जब भैंस नहीं पटक सकी तो नरेन्द्र मोदी क्या पटकेंगे..! यादवों को भाजपा तोड़ने की कोशिश कर रही है.”लालू यादव ने कहा कि यदुवंशियों भाजपा के बहकावे में मत आना. ये सब यादवों को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. अगर यादव भाईयों को हमको वोट नहीं देना है तो कह दें अभी,पर इन सबके बहकावे में मत आएं. बिहार में यादव सिर्फ लालू प्रसाद के साथ हैं. इनको कोई माई का लाल हिला नहीं सकता है.
लालू ने बाबा रामदेव व अन्ना हजारे पर चुटकी लेते हुए कहा कि रामदेव और अन्ना हजारे खूब बोले कालाधन-कालाधन वापस लाओ. रामदेव रामलीला मैदान में गए और कहे कि योग करेंगे. जब पुलिस ने दौड़ाया तो लड़की का कपड़ा पहनकर भाग गए, कालाधन लाने वाले रामदेव. नरेंद्र मोदी कहते हैं कि कालाधन वापस लाया जाएगा और अमित शाह कहते है कि यह तो जुमला हैं. अरे कालाधन वापस लाओं हमें भी फायदा होगा, हमारे भी 9 बच्चे हैं. हम और राबड़ी मिलाकार कुल 11 आदमी हैं. इतना पैसा मिलेगा तो हम बैठकर चाभेंगे.
इस रैली से बिहार का ‘स्वाभिमान’ कितना जुड़ा था,यह तो आनेवाला वक़्त हर इससे महागठबंधन का अस्तित्व और भविष्य जरूर जुड़ा हुआ था. लालू और नीतीश के साथ-साथ कांग्रेस को भी इसका एहसास था. ये तीनों अपने-अपने तरीके से अपनी-अपनी ‘साख’ बचाना चाहते थे. कहना पड़ेगा कि इस रैली के बाद इन सबने राहत की सांस ली होगी. अब बारी भाजपा की है.रैली में महागठबंधन के सारे नेताओं ने जी भर कर नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा है. देखना है कि भागलपुर में भाजपा कितना और किस रूप में इसका हिसाब चुकता करती है.
इसमें कोई दो राय नहीं कि इस रैली का सबसे बड़ा आकर्षण लालू और नीतीश का एक बार फिर एक साथ खड़ा होना था. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उनके साथ मंच साझा कर इस अवसर को और खास बना दिया. मंच पर समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधित्व शिवपाल सिंह यादव ने किया. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (मीसा, तेजप्रताप और तेजस्वी के साथ), पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, सीपी जोशी तथा शकील अहमद, वरिष्ठ राजद नेता व पूर्व केन्द्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचन्द्र पूर्वे तथा विधायक दल के नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी तथा विधायक दल के नेता सदानंद सिंह सहित महागठबंधन के तमाम नेता मंच पर मौजूद थे.
स्वाभिमान रैली को जहां महागठबंधन के नेताओं ने अभूतपूर्व एवं ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इस रैली में उमड़ी भीड़ ने साबित कर दिया कि बिहार की भाजपा गठबंधन की एक नहीं चलने वाली है,वहीं भाजपा,लोजपा,हम, जन अधिकार पार्टी समेत महागठबंधन की विपक्षी पार्टियों ने स्वाभिमान रैली को फ्लॉप शो करार दिया है.
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