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पप्पू यादव के ‘वाई’ पर क्यों मचा है हाय-हाय ?

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प्रभाष यादव
राजनीतिक विश्लेषक @ कोसी टाइम्स.
बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए मधेपुरा से राजद के निलंबित सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को केंद्र से Y’ श्रेणी की सुरक्षा दी गयी है, एक हफ्ते पहले ही केंद्र सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को भी‘Z प्लस’ सुरक्षा दी थी.केंद्र सरकार के इन दोनों निर्णयों को राजनीति से जोड़ कर देखा जा रहा है.मधेपुरा सांसद पप्पू यादव कोसी-सीमांचल क्षेत्र के प्रभावशाली व कद्दावर नेता माने जाते हैं.एनडीए उन्हें अपने खेमे में करने के प्रयास में है और माना जा रहा है कि इसी के तहत यह कदम उठाया गया है.मांझी को भी जब ‘z प्लस’ सुरक्षा कवच दिया गया तब भी वबाल मचा था.और अब पप्पू को वाई दिये जाने पर महागठबंधन के घटक जदयू ने हॉय हॉय मचा रखा है.जदयू ने इसे ‘षड्यंत्र’ बताते हुए केंद्र पर राज्य के मामलों में सीधे हस्तक्षेप के आरोप लगाए हैं.

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बिहार के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि राज्य सरकार से आग्रह किया जाता है कि राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को तुरंत ‘Y’ श्रेणी की सुरक्षा दी जाए. उनके राजनीतिक विरोधियों, अपराधियों, भाकपा (माओवादी) और बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए उन्हें यह सुरक्षा देने का आग्रह किया गया है.केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने पत्र में कहा कि पप्पू यादव की सुरक्षा व्यवस्था के सिलसिले में केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ मंत्रालय में चर्चा हुई. बिहार सरकार से आग्रह किया जाता है कि राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को Y श्रेणी की सुरक्षा दी जाए और तुरंत उन्हें यह सुरक्षा मुहैया कराई जाए, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके.गृह मंत्रालय ने 27 जुलाई को अपने पत्र में लिखा है कि उनकी रिपोर्ट के मुताबिक पप्पू यादव को राजनीतिक विरोधियों, अपराधियों और भाकपा (माओवादी) से खतरे और साथ ही आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए राज्य सरकार उन्हें ‘Y’ श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त की सूची में रख सकती है, उन्हें Y श्रेणी की संपूर्ण सुरक्षा मुहैया कराई जाए.

दूसरी तरफ जदयू नेताओं द्वारा इस मामले में हाय तौबा मचाये जाने पर पप्पू यादव ने कहा है कि जिनकी औकात मुखिया का चुनाव जीतने भर की नहीं है,वे मामले की गंभीरता से वाकिफ नहीं हैं और वेबजह बोल रहे हैं. राजद से निकाले जाने के बाद मधेपुरा सांसद का राजनीतिक कद काफी बढ़ा गया है,पर सवाल है कि क्या यह कद विधानसभा चुनाव के बाद भी बरकरार रहेगा ?तो इसका जवाब है कि बिहार विधानसभा में बीजेपी को पप्पू यादव व जीतनराम मांझी से लालू यादव के बेस वोट बैंक गढ़ कोसी व सीमांचल इलाके में कितना फायदा पहुंचता है.खैर जो भी हो…लेकिन इससे कोसी-सीमांचल की राजनीति के साथ साथ बिहार की राजनीति में भी फिलहाल पप्पू यादव का कद बड़ा जरूर हो गया है…पर यह कद वोट में बदल पायेगा ..इसका जवाब तो चुनाव के बाद ही पता चल पायेगा ,क्योंकि जैसे जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है वैसे वैसे बिहार की राजनीति भी क्रिकेट की तरह रोमांचक और अनिश्चित होती जा रही है.

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