अनुपम सिंह/अमित कुमार(VTU,बंगलौर)
स्पेशल डेस्क @ कोसी टाइम्स.
माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अनियमितताओं के आधार पर सीबीएसई द्वारा आयोजित AIMPT परीक्षा 2015 को रद्द कर दिया.परीक्षा की पवित्रता बरकरार रखने की खातिर माननीय सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि ” अगर एक भी गलत छात्र गलत संसाधनों के बल पर मेडिकल कॉलेज में दाखिल हो जाता है तो यह मेहनत करनेवालों के साथ घोर अन्याय होगा.देश के मेहनती पढ़नेवाले बच्चों के सपनों को धांधली करनेवालों के पैरों तले कुचलने नहीं दिया जा सकता है.दुबारा परीक्षा कराने से भले मेडिकल कॉलेजों में सत्र बिलंव से शुरू हो पायेगा,पर परीक्षा की पवित्रता बरकरार रखने के लिए यह कोई बड़ी कीमत नहीं होगी.”
अब BCECE 2015 की बात की जाय.बिहार सरकार की देखरेख में आयोजित होनेवाले इस परीक्षा में भी हर साल हजारों मेहनती प्रतिभावान छात्र डॉक्टर-इंजीनियर बनने की हसरतें लिए शामिल होते हैं.लेकिन इनके सपनों को नकल करानेवाले गिरोहों के कारण साल दर साल कुचल दिया जाता है.इसके लिए कौन ज़िम्मेदार है ? इस बार भी इस परीक्षा में ब्लूटुथ और अन्य अवैध तरीकों का इस्तेमाल करते हुए कई फ्रॉड छात्र पकड़ाये…यानि यहां भी मामला AIPMT की तरह का है.परीक्षा की पवित्रता यहां भी बुरी तरह से नष्ट हो चुकी है.अब देखना है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट की तरह ही माननीय बिहार हाई कोर्ट भी इस परीक्षा की पवित्रता को बहाल करने के लिए बिहार सरकार को इसे दोबारा आयोजित कराने के लिए कहती है या नहीं ?
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