पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव को आचार संहिता उल्लंघन के मामले में सजा,ढाई हजार रुपये का जुर्माना
बिहारशरीफ के तत्कालीन सीओ सुनील कुमार वर्मा के फर्दबयान पर आठ अक्टूबर 2015 को बिहार थाने में मामला दर्ज किया था
पटना/बिहारशरीफ जिला न्यायालय के एसीजेएम प्रथम की अदालत ने पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव को आचार संहिता उल्लंघन के मामले में सजा सुनाई है। करीब सात वर्ष पुराने मामले में प्रभारी एसीजेएम विमलेंदु कुमार ने तीन अलग-अलग धाराओं में उनपर ढाई हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। मामले की सुनवाई वर्चुअल मोड में की गई। पूर्व केंद्रीय मंत्री के अधिवक्ता शशिभूषण प्रसाद ने जुर्माने की रकम अदा कर मामले का निष्पादन कराया।
कोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार मामला 2015 का है। सात अक्टूबर 2015 को पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने बिहारशरीफ के श्रम कल्याण केंद्र के मैदान में चुनावी सभा को संबोधित किया था। उस समय शरद यादव जदयू के पक्ष में वोट मांगने गए थे। इसमें उन्होंने कहा था कि सबलोग जदयू को वोट दें। हिन्दू अगर जदयू को वोट नहीं देंगे तो भगवान स्वर्ग की जगह नरक देगा और मुसलमान वोट नहीं देगा तो अल्लाह उन्हें जन्नत के बदले जहन्नुम में डाल देगा। इसकी शिकायत मिलने के बाद उनके भाषण की वीडियो क्लीपिंग खंगाली गई। चुनाव आयोग ने अंचलाधिकारी को मामला दर्ज कराने का आदेश दिया। तब इस मामले में बिहारशरीफ के तत्कालीन सीओ सुनील कुमार वर्मा के फर्दबयान पर आठ अक्टूबर 2015 को बिहार थाने में मामला दर्ज किया था।
तीन वर्ष पूर्व इस मामले में जिला न्यायालय के प्रथम एसीजेएम सह वीआइपी विशेष दंडाधिकारी के कोर्ट से तीन हजार रुपए का बांड भरने के बाद जमानत दी गई थी। मामले की सुनवाई के बाद प्रभारी एसीजेएम विमलेंदु कुमार ने सजा निर्धारित की। पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव को धारा 123 में एक हजार, धारा 188 में 1000 और धारा 171 में पांच सौ रुपये की सजा सुनाई गई। यह सुनवाई वर्चुअल मोड में गूगल मीट से की गई।
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