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BNMU : पीएटी-2020 परिणाम में मनमानी कर प्रतिभा का घोंटा गला

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मधेपुरा/ बीएन मंडल विश्वविद्यालय में पीएटी-2020 की मौखिकी परीक्षा और रिजल्ट में छात्रों ने बड़े पैमाने पर अनियमितता का आरोप लगाया है। इसको लेकर विभिन्न विभागों के छात्रों ने कुलपति, प्रति कुलपति सहित अन्य अधिकारियों को आवेदन दिया है।

कुलपति को दिए आवेदन में कहा गया है कि विवि के अधिकांश पीजी विभागों में सूची जारी करने में आरक्षण रोस्टर सहित अन्य नियमों का पालन नहीं किया गया है। अभ्यर्थियों के मैरिट की अनदेखी करते हुए मनमाने तरीके अभ्यर्थियों का चयन कर लिया गया है। विभाग में मौखिकी की मात्र औपचारिकता पूरी की गई और बाद में विभागाध्यक्ष ने अपने मनोनुकूल सूची तैयार कर जारी कर दी। इसका स्पष्ट प्रमाण है कि इतिहास सहित कई विषयों के सूची पर सिर्फ विभागाध्यक्ष का हस्ताक्षर है, जबकि बाह्य विशेषज्ञ और विभागीय शोध परिषद् के सदस्यों का हस्ताक्षर नहीं है। फाइनल लिस्ट में अभ्यर्थियों को प्राप्त अंक को भी नहीं दर्शाया गया है, जो कि अनियमितता का एक उदाहरण है। विश्वविद्यालय द्वारा सभी विभागों को विभागीय शोध परिषद् के माध्यम से पीएचडी नामांकन से संबंधित मौखिकी परीक्षा के संचालन का निर्देश दिया गया है। इसके बावजूद मनोविज्ञान सहित कुछ विभागों में पीएटी 2020 की मौखिकी परीक्षा डीआरसी के माध्यम से नहीं कराई गई है।

विशेषकर मनोविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष और उनके सहयोगी शिक्षक ने राजभवन के पीएचडी रेगुलेशन और विश्वविद्यालय के निर्देशों की अवहेलना करते हुए मनमाने तरीके से विभाग के शिक्षकों के साथ मिलकर ही पीएचडी मौखिकी परीक्षा का संचाकन किया। इस क्रम में अभ्यर्थियों के मैरिट की अनदेखी करते हुए मनमाने तरीके से अपने चहेतों एवं पैरवी पुत्रों का चयन कर लिया गया। एकेडमिक अधिभार में 70-80 प्रतिशत अंक वाले अभ्यर्थियों को मौखिकी में 2-6 अंक देकर चयन सूची से बाहर कर दिया गया, जबकि 60-70 अंक वालों को इंटरव्यू में 15-19 अंक देकर उपकृत किया गया है।

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छात्र हिमांशू कुमार, संजीव कुमार, रौशन कुमार, सुनील कुमार, देवराज, मो. चांद, प्रमोद कुमार,मनीष कुमार आदि ने कहा कि जिस विषय में भी पीएटी 2020 की मौखिकी परीक्षा विभागीय शोध परिषद के माध्यम से नहीं होकर विभागीय परिषद के माध्यम से हुई है, उस विषय में पुन: मौखिकी परीक्षा कराने का आदेश दिया जाए। साथ ही जो विभागाध्यक्ष एवं शिक्षक गड़बड़ी में शामिल है, उन्हें चयन प्रक्रिया से बाहर रखा जाए। सभी विभागों में कोटिवार रिक्ति घोषित कर आरक्षण रोस्टर का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए तथा बीएनएमयू से स्नातकोत्तर करने वाले विद्यार्थियों को चयन में प्राथमिकता दिया जाए।

विवि की बेवसाइट से हटाई गई सूची : बीएनएमयू में पीएचडी काेर्स वर्क में नामांकन के लिए चयनित सभी विषयों के अभ्यर्थियों की सूची विश्वविद्यालय की बेवसाइट से हटा ली गई है। इससे छात्रों को रिजल्ट में गड़बड़ी की आशंका प्रबल हो गई है। बता दें कि विवि द्वारा 5 से 7 अप्रैल तक विभिन्न विभागों के चयनित छात्रों की सूची यूएमआईएस की बेवसाइट पर अपलोड किया गया था। जिसे सोमवार को हटा लिया गया। इससे रिजल्ट में पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

इस संबंध में कुलपति डॉ. आरकेपी रमण ने कहा कि पीएटी-2020 के रिजल्ट में गड़बड़ी को लेकर कई आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसकी जांच की जा रही है। फिलहाल अगले आदेश तक नामांकन की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।

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