पटना/ बिहार विधान परिषद के स्थानीय प्राधिकार कोटे की 24 सीटों के लिए हुए चुनाव की मतगणना गुरुवार को हुई। इसमें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को 13 सीटें मिलीं। राष्ट्रीय जनता दल की छह सीटों पर जीत हुई। खास बात यह रही कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के घर गोपालगंज में हीं आरजेडी प्रत्याशी की हार हो गई है। इसके पहले मतदान 534 बूथों पर 1,34,106 मतदाताओं ने सोमवार को मतदान किया थ। बताते चलें कि विधान परिषद के इस चुनाव के मतगणना एकल संक्रमणीय आनुपातिक मतदान प्रक्रिया के आधार पर की गई।
सभी 24 सीटों के नतीजे, एक नजर…
रोहतास-कैमूर: संतोष कुमार सिंह (बीजेपी)
दरभंगा: सुनील चौधरी (बीजेपी)
कटिहार: अशोक अग्रवाल (बीजेपी)
औरंगाबाद: दिलिप कुमार सिंह (बीजेपी)
गोपालगंज: राजीव सिंह (बीजेपी)
समस्तीपुर: तरुण कुमार चौधरी (बीजेपी)
पूर्णिया: दिलीप कुमार जायसवाल (बीजेपी)
नालंदा: रीना यादव (जेडीयू)
मुजफ्फरपुर: दिनेश सिंह (जेडीयू)
भागलपुर-बांका: विजय कुमार सिंह (जेडीयू)
सीतामढ़ी-शिवहर: रेखा देवी (जेडीयू)
भोजपुर-बक्सर: राधा चरण साह (जेडीयू)
वैशाली- भूषण कुमार(रालोजपा)
पटना: कार्तिकेय कुमार (आरजेडी)
सिवान: विनोद जायसवाल (आरजेडी)
मुंगेर-जमुई-शेखपुरा: अजय कुमार सिंह (आरजेडी)
गया-जहानाबाद-अरवल: रिंकु यादव (आरजेडी)
पश्चिम चंपारण: सौरभ कुमार (आरजेडी)
सहरसा-मधेपुरा-सुपौल: डा. अजय कुमार सिंह (आरजेडी)
बेगूसराय-खगड़िया: राजीव कुमार (कांग्रेस)
पूर्वी चंपारण: महेश्वर सिंह (निर्दलीय)
सारण: सच्चिदानंद राय (निर्दलीय)
नवादा: अशोक यादव (निर्दलीय)
मधुबनी: अंबिका गुलाब यादव (निर्दलीय)
लालू प्रसाद यादव के गृह क्षेत्र गोपालगंज में बीजेपी प्रत्याशी राजीव कुमार उर्फ गप्पू सिंह जीत गए। वहां आरजेडी को हार का सामना करना पड़ा। इसके पहले भी यहां से बीजेपी के आदित्य नारायण पांडेय एमएलसी थे। गोपालगंज में बीजेपी से राजीव कुमार उर्फ गप्पू सिंह के अलावा आरजेडी से दिलीप कुमार सिंह व कांग्रेस से ओमप्रकाश गर्ग सहित आधा दर्जन प्रत्याशी मैदान में थे। यहां आरजेडी की ओर से तेजस्वी यादव ने अपने प्रत्याशी की जीत के लिए कड़ी मेहनत की थी।
विधान परिषद की 24 सीटों के लिए 1,34,106 मतदाताओं के करीब 98 प्रतिशत ने वोट दिए। सर्वाधिक 14 प्रत्याशी सहरसा-मधेपुरा-सुपौल निर्वाचन क्षेत्र से थे। जबकि, भोजपुर-बक्सर निर्वाचन क्षेत्र से सबसे कम केवल दो प्रत्याशी थे। मुख्य मुकाबला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन बनाम महागठबंधन के बीच हुआ।
विधान परिषद चुनाव की मतगणना एकल संक्रमणीय आनुपातिक मतदान प्रक्रिया के आधार पर हुई। इसके लिए मतदाताओं ने प्रत्याशियों को पहली, दूसरी, तीसरी व चौथी वरीयता देते हुए वोट दिए। इसी आधार पर चार वरीयता में मतगणना की गई। प्रथम वरीयता के वोटों के आधार पर कोटा का निर्धारण किया गया। इसके तहत मान्य वोटों में दो से भाग देकर प्राप्त संख्या में एक अंक जोड़ दिया गया। जैसे, सौ मान्य वोटों का कोटा 51 निर्धारित रहा। प्रथम गणना में ही 51 वोट या अधिक प्राप्त करने वाले प्रत्याशी को विजेता घोषित किया गया। प्रथम गणना में इससे कम वोट पाने वाले को मतगणना से हटाते हुए उसे प्राप्त दूसरी वरीयता के वोट संबंधित प्रत्याशी के वोट में जोड़ा गया। यह सिलसिला किसी प्रत्याशी को जीत के लिए जरूरी वोट मिलने तक चलता रहा।
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