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शहीद जवान को राजकीय सम्मान के साथ पैतृक गांव में दी गई अंतिम विदाई

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रोहतास से हरिओम चौबे की रिपोर्ट : 

भारतीय थल सेना के शहीद जवान धर्मेन्द्र सिंह को रोहतास जिला के बिक्रमगंज प्रखंड क्षेत्र के उनके पैतृक गांव मैधरा में राजकीय सम्मान के साथ गुरुवार को अंतिम विदाई दी गई। शहीद जवान को उनके 6 वर्षीय मासूम पुत्र तेजप्रताप ने नम आंखों से मुखाग्नि दी। उन्होंने रोते हुए कहा कि “मेरे पापा देश के लिए शहीद हो गए, लेकिन हमें अकेला छोड़ गए”। इस पल को देख वहां मौजूद हजारों लोगों की आंखें नम हो गई। आपको बता दें शहीद धर्मेन्द्र कुमार ड्यूटी के दौरान सेना को खाद्य पदार्थ पहुँचा कर वापस लौट रहे थे। इसी दौरान उनकी वाहन पहाड़ी से करीब 120 फिट नीचे खाई में गिर गई, जिससे घटना स्थल पर ही उनकी मौत हो गई। इस घटना की जानकारी होते ही पूरे जिले भर से हजारों की संख्या में लोग शहीद जवान की एक झलक पाने के लिए उनके पैतृक गांव पहुंचे।

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घटना के तीन दिन गांव पहुंचा शहीद का शव :

जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में 27 सितंबर को यह घटना हुई थी। घटना के तीन दिन बाद गुरुवार की सुबह शहीद धर्मेंद्र सिंह की लाश उनके पैतृक गांव पहुंची। दानापुर 4 सिख रेजीमेंट बटालियन द्वारा शहीद का शव बिक्रमगंज प्रखंड प्रवेश करते ही पूरा शहर तिरंगा से पट गया। इस दौरान भारत माता की जय…शहीद धर्मेन्द्र अमर रहे… के नारों से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो रहा था। उनके शहादत की खबर सुन क्या बूढ़े, क्या बच्चे सभी लोग उनकी एक झलक पाने उनके पैतृक गांव के मुख्य सड़क पलके बिछाएं बैठे थे। लेकिन गुरुवार की सुबह जब करीब 7 बजे भारतीय तिरंगे में लिपटा शहीद जवान का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा तो गांव का पूरा माहौल गमगीन हो गया। मौके रोहतास एसपी आशीष भारती, डीसीएलआर मधु सूधन प्रसाद सहित 4 सिख दानापुर रेजरमेंट बटालियन के जवान मेजर सुरेंद्र कुमार यादव, नायक सूबेदार बलविन्दर सिंह, कृष्णा कुमार, जवाहर सिंह, दिनेश कुमार, रूप सिंह, अविनाश कुमार, दीबनाथ पांडे आदि मौजूद थे।

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