रमजान का पहला जुम्मा : रहमत और बरकत के लिए मांगी दुआ

पुरैनी,मधेपुरा से अफजल राज की रिपोर्ट/ शुक्रवार को जुमे की फर्ज नमाज अदा करने के लिए मस्जिदों में हुजूम उमड़ा। छोटे–छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों ने नमाज अदा की। रोजेदारों ने नमाज के बाद आपसी भाईचारे के साथ ही देश में अमन चैन कायम रहने के लिए दुआ की, जिन पर सब ने आमीन कहा। शुक्रवार को रमजान के पहले जुमे को लेकर रोजेदारों में खासा उत्साह देखने को मिला। रोजेदार सुबह से ही जुमे की तैयारी में जुट गये थे ।

डुमरैल मस्जिद के इमाम, हाफिज अब्दुल्ला ने अपनी तकरीर में रमजान की फजीलत बयान करते हुए कहा कि रमजान के महीने का पहला अशरा रहमत का होता है। अल्लाह ने मुसलमानों को रमजान का महीना अता करके जन्नत में जाने का रास्ता दिखा दिया है। यह महीना मोमिन के लिए अल्लाह की इबादत और रजा के लिए नेक अमल करने के लिए है। रोजा रखकर अल्लाह की इबादत करने से उसके गुनाह माफ हो जाते हैं। उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि वे रमजान के महीने में खुदा की इबादत के साथ दीन व दुखियों की सेवा करें। ऐसा करने से अल्लाह खुश होगा और उसकी झोली खुशियों से भर जाएगी।

इस मौके पर मुल्क व कौम की तरक्की के लिए दुआ कराई गई। मौके पर नरेश आलम, सुरेश आलम, अख़्तर आलम, फिरोज आलम , घोल्टू आलम, समशाद आलम, रहमान आलम, मुस्तकीम आलम, आरजू आलम आदि मौजूद थे।