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देश को गुलाम बनाने वाला है आम बजट : डॉ. जवाहर

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मधेपुरा : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में आम बजट पेश किया। इस पर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

केपी कॉलेज मुरलीगंज के प्रधानाचार्य डॉ. जवाहर पासवान इस बजट को देश को गुलाम बनाने वाला बजट बताया।

उन्होंने कहा कि इस बार के बजट में आम जनता के लिए कोई भी खास पहल नहीं की गई है। बेरोजगारी और महंगाई को लेकर भी इस बजट में दूरदर्शिता का अभाव है।

मनरेगा के अंतर्गत जो बजट में संशोधित अनुमान पिछले साल 98000 करोड़ का था। उसको भी घटाकर 73000 करोड कर दिया गया है। जो कि लगभग 25% कम है।
टैक्स स्लैब रेट स्टैंडर्ड डिडक्शन में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

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बरसों से धारा 80 सी के तहत उम्मीद रखी गई थी कि डेढ़ लाख डिडक्शन के लाभ को बढ़ा कर दो लाख तक कर दिया जाएगा। मगर इस मुद्दे पर भी बजट में कोई चर्चा नहीं की गई है। राज्य कर्मियों के लिए एनपीएस में और एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन के अंतर्गत टैक्स डिडक्शन को 10% से 14% कर दिया गया है, जो पहले सिर्फ केंद्र सरकार के कर्मियों पर ही लागू था।

मगर गौर करने वाली बात यह है कि निजी क्षेत्र में काम करने वाले इस प्रावधान से पूरी तरह बाहर है। किसानों के हितों की भी अनदेखी की गई। एमएसपी का बजट लगभग 2 प्रतिशत घटा दिया गया है।

डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च एंड एजुकेशन के बजट के अलॉटमेंट में भी एक रुपए की वृद्धि भी नहीं की गई है। MSP को वैध ठहराने में किसान आंदोलन के संदर्भ में कोई बात नहीं की गई।

किसान के दोगुनी आय को लेकर सरकार द्वारा जो लक्ष्य रखा गया था। इस परभी कोई चर्चा इस बजट में नहीं कि गई। एक तरफ ऑर्गेनिक फार्मिंग को प्रोत्साहन दिए जाने पर बल दिया।

वहीं दूसरी तरफ बजट में ड्रोन से पेस्टिसाइड छिड़काव की बात कर रहे हैं। यह दोनों बातें आपस में विरोधाभासी हैं। रेलवे को लेकर भी बजट में कुछ खास चर्चा नहीं की गई है।

पैसेंजर के सुख सुविधा की कोई चर्चा नहीं की गई। रेल बजट को खत्म करके बजट में भी उसकी महत्ता को गोण कर दिया गया है।

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