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मधेपुरा:चौसा में एक दिवसीय कबीर सत्संग समारोह का आयोजन

संतों ने कबीर साहेब के कृतित्व एवं व्यक्तित्व चर्चा करते हुए उनके बताए गए मार्ग पर चलने का किया आह्वान

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कुमार साजन@चौसा, मधेपुरा

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चौसा प्रखंड मुख्यालय स्थित कोशी कालोनी में डॉ भोला जायसवाल के आवास परिसर में एक दिवसीय कबीर सत्संग समारोह का आयोजन किया गया। समारोह की शुरुआत कबीर की मौलिक रचना बीजक के पाठ से हुई। फिर भजनों का दौर चला।
संतश्री उमाशंकर साहेब ने कहा कि सत्संग व ध्यान से जीवन में ईश्वरीय सुख मनुष्य को प्राप्त होता है। सत्संग से ही जीवन में ज्ञान का संचार होता है। सत्संग के बिना मनुष्य जानवर के समान है। ईश्वर की प्राप्ति कैसे होगी, इसकी युक्ति सच्चे सदगुरु के पास जाने से होती हैं। गुरु में मन लगाकर ही मनुष्य का कल्याण संभव है। गुरु की पूजा सर्वोपरि है। मनुष्य जीवन लेकर वैसे जीवन जीये, जिसमें परमार्थ भरा हो। जन्म लेना और मर जाना यह प्रकृति की नियति है। उन्होंने कहा कि सत्संग हमारे जीवन का आधार है। जैसे बिना पैर के चलना असंभव है ऐसे ही बिना सत्संग के जीवन में असली सुख, शांति एवं समृद्धि असंभव है। संतश्री विज्ञान स्वरूप साहेब ने कहा कि कहा कि जीवन में सतगुरु का होना अत्यंत आवश्यक है, बिना उसके जीव की नैया पार नहीं हो सकती। श्रेष्ठ जीवन प्राप्त करके हमें मनुष्य तन मिला है, हमें जीवन किसलिए क्यों मिला क्या प्रयोजन है यदि यह प्रश्न मन में आए तो शुभ संकेत है। जीवन में गुरु मिले तो और भी शुभ संकेत है, बार-बार जन्मे और भोगों में लिप्त रहने के कारण ही मनुष्य ऊपर नहीं उठ पाता।

यदुनंदन साहेब ने कहा कि निषेध पर ही आकर्षण है मनुष्य को जो मना किया जाए ध्यान वहीं जाता है मन से लडऩा ठीक नहीं उसे समझाना चाहिए उसे दबाने से ज्यादा अच्छा उपाय खोजना है मन की गांठ साधना या एकांत में मौन बैठने से ही दूर हो सकती है क्रोध व कामना रूपी ऊर्जा का रूपांतरण कर जीवन को ऊपर उठाने में लगना चाहिए और इसके लिए जीवन में संत का होना अत्यंत आवश्यक है संत करुण से भरे होते हैं दुख की निवृत्ति के लिए प्रयासरत रहते हैं कबीर का प्राकट्य भी करुणा के कारण हुआ भवसागर से जीवो को दुखी देखकर कष्ट में देखकर कबीर का प्राकट्य हुआ। जीवन की सार्थकता को समझने के लिए यदि जाते समय मनुष्य के मन में संतुष्टि है तृप्ति है उसकी झलक मिलती है तो जीवन सफल है।
इस मौके पर नागो दास,तारिणी साहेब, सुमन साहेब, छेदी दास, मदन साहेब,जयप्रकाश साहेब ने भी अपने विचार व्यक्त किए और कबीर साहेब के कृतित्व एवं व्यक्तित्व चर्चा करते हुए उनके बताए गए मार्ग पर चलने का आह्वान आम लोगों से किया।समारोह की अध्यक्षता विनोद साहिब ने की।

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