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टोक्यो ओलंपिक में भारत के खिलाड़ी इस बार सर्वाधिक पदक जीतेंगे – श्रेयसी सिंह

वेबिनार में अतिथि वक्ता के रूप में शामिल अंतरराष्ट्रीय शूटर, अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित, कॉमनवेल्थ गेम्स-2018 में स्वर्ण पदक विजेता तथा जमुई की विधायक श्रेयसी सिंह ने कहा कि कोई भी खिलाड़ी अथक परिश्रम की वजह से ही ओलंपिक जैसे महान खेल में पहुंचता है। खिलाड़ियों के लिए हार या जीत मायने नहीं रखती है, बल्कि उनकी भागीदारी महत्वपूर्ण होती है।

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पटना/ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के पटना स्थित प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) एवं रीजनल आउटरीच ब्यूरो (आरओबी) द्वारा आज “टोक्यो ओलंपिक एवं भारत” विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया।

वेबिनार में अतिथि वक्ता के रूप में शामिल अंतरराष्ट्रीय शूटर, अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित, कॉमनवेल्थ गेम्स-2018 में स्वर्ण पदक विजेता तथा जमुई की विधायक श्रेयसी सिंह ने कहा कि कोई भी खिलाड़ी अथक परिश्रम की वजह से ही ओलंपिक जैसे महान खेल में पहुंचता है। खिलाड़ियों के लिए हार या जीत मायने नहीं रखती है, बल्कि उनकी भागीदारी महत्वपूर्ण होती है। मेरी शुभकामना है कि ओलंपिक में शामिल होने वाले भारतीय टीम अधिक से अधिक गोल्ड मेडल लेकर आएं।

उन्होंने कहा कि ओलंपिक खेलों में राष्ट्रगान की धुन के साथ भारत का तिरंगा हाथ में लेने पर न सिर्फ खिलाड़ी बल्कि सभी देशवासी भी गौरवान्वित महसूस करते हैं। यह पल शरीर में रोंगटे खड़े कर देने वाला होता है, जो हर खिलाड़ी महसूस करना चाहता है। उन्होंने कहा कि हॉकी का प्रदर्शन पूर्व की भांति ही सबसे बेहतरीन रहने वाला है और इसमें भारत निश्चित ही गोल्ड लेकर आएगा। उन्होंने कहा कि बीते कुछ वर्षों में केंद्र सरकार की उत्कृष्ट खेल योजनाओं की वजह से खिलाड़ियों को काफी प्रोत्साहन मिला है। खेलो इंडिया, नेशनल टैलेंट सर्च ऐसी ही कुछ अच्छी योजनाएं हैं। उन्होंने कहा कि शूटिंग में कुल 15 खिलाड़ी ओलंपिक में भेजे गए हैं और मुझे उम्मीद है कि इनमें छह से सात मेडल भारत को अवश्य मिलेगा। तीरंदाजी में झारखंड की दीपिका देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में वर्ल्ड रैंकिंग वन हैं और उनसे गोल्ड की पूरी उम्मीद है। भवानी देवी जोकि तलवारबाजी में शिरकत कर रही हैं, उनसे भी गोल्ड की पूरी उम्मीद है।

उन्होंने कहा कि बिहार में टैलेंट की कोई कमी नहीं है लेकिन इसे निखारने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को एक आधार प्रदान करना होगा। मध्य प्रदेश का खेल एकेडमी पढ़ाई और खेल के बीच के संतुलन बनाए रखने का उत्कृष्ट उदाहरण है और हमें इससे सीख लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्पोर्ट्स में सबसे जरूरी होता है इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और भारत में इस दिशा में बहुत काम किया गया है।

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वेबिनार में अतिथि वक्ता के रूप में शामिल भारतीय तैराकी संघ के उपाध्यक्ष, राष्ट्रमंडल खेलों, साउथ एशियन फेडरेशन खेलों एवं कॉमनवेल्थ खेलों में जज रह चुके प्रभाकर नंदन प्रसाद ने कहा कि इस बार का ओलंपिक हर मायने में भारत के लिए रिकॉर्ड स्थापित करने वाला होगा। भारत के लिए इतिहास ही है कि स्विमिंग के क्षेत्र में भारत के खिलाड़ी स्टैंडर्ड ए में क्वालीफाई किए हैं। मन्ना पटेल भारत की पहली स्विमर हैं, जिन्होंने भारत की ओर से ओलंपिक में भाग लिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय खिलाड़ियों के ओलंपिक में मेडल जीतने को लेकर वे बेहद आशावान हैं। उन्होंने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि 78 प्रतियोगिताओं में से 13 मेडल भारत की झोली में अवश्य आएंगे।

वेबिनार में अतिथि वक्ता के रूप में शामिल राष्ट्रीय एथलीट, प्रशिक्षक, बिहार एथेलेटिक्स एसोसिएशन में कोषाध्यक्ष सह टेक्निकल चेयरमैन शम्श तौहीद ने कहा कि भारत की ओर से इस बार तेजिंदरपाल सिंह तूर एशियन एथलेटिक्स में रिकॉर्ड बनाकर टोक्यो ओलोम्पिक के लिए प्रस्थान कर रहे हैं और उनसे पदक की उम्मीद की जा रही है। उन्होंने अपने विश्लेषण के आधार पर कहा कि भारत ओलंपिक में कुल 17 पदक – 8 पदक शूटिंग में, चार बॉक्सिंग में, दो रेसलिंग में, एक वेटलिफ्टिंग में प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया रेसलिंग में पदक प्राप्त कर सकते हैं। वेटलिफ्टिंग में मीराबाई चानू से भी पदक की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि टोक्यो ओलंपिक में कुल 128 खिलाड़ियों के साथ 101 सपोर्टिंग स्टाफ भी गए हैं।

वेबीनार में अतिथि वक्ता के रूप में शामिल राष्ट्रीय स्तर के हॉकी खिलाड़ी, कोच, अंपायर, प्रशासक और आयोजक योगेश ने कहा कि ओलंपिक में हॉकी का स्वर्णिम इतिहास रहा है। इस बार भी हम यह कह सकते हैं कि हमारी टीम मेडल के लिए जा रही है। हॉकी में हम चौथे रैंक पर आ गए हैं। हमारी हॉकी टीम युवाओं की टीम है और वह अपनी बेहतरीन तैयारी के साथ ओलंपिक में गई है। वर्ल्ड के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर भारत के ही हैं। उन्होंने कहा कि इस बार हम उम्मीद कर सकते हैं कि वर्षों से चला आ रहा सूखा इस बार खत्म होगा।

वेबिनार में अतिथि वक्ता के रूप में शामिल मॉस्को ओलंपिक 1980 में भारतीय बास्केटबॉल टीम का प्रतिनिधित्व करने वाले हरभजन सिंह नोगा ने कहा कि भारत में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, लेकिन उसे तराशने की आवश्यकता है। हमें खेल के मैदान बनाने होंगे। खेल के मैदान होंगे तभी बच्चे वहां खेल सकेंगे। हमें इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह दुख की बात है कि अभिभावक अपने बच्चों को खिलाड़ी नहीं बनाना चाहता है। इस सोच को बदलने का समय आ गया है।

वेबिनार में अतिथि वक्ता के रूप में शामिल यूएनआई, रांची के वरिष्ठ पत्रकार विनय कुमार ने कहा कि ऐसा पहली बार लग रहा है कि भारत ओलंपिक में डबल डिजिट के साथ मेडल जीतकर आएगा। इसके पीछे भी भारत सरकार की उत्कृष्ट खेल योजना का ही असर है। उन्होंने कहा कि शूटिंग में निश्चित ही भारत को स्वर्ण मिलेगा। उन्होंने दुख जताते हुए कहा कि ओलंपिक में बिहार से एक भी खिलाड़ी शामिल नहीं हैं। इस दिशा में सरकार को सोचने की आवश्यकता है।

वेबिनार का संचालन आकाशवाणी, पटना की समाचार संपादक डॉ सविता पारीक ने किया। धन्यवाद ज्ञापन फील्ड आउटरीच ब्यूरो, छपरा के क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी पवन कुमार सिन्हा ने किया। वेबिनार में आरओबी के निदेशक विजय कुमार, पीआईबी के निदेशक दिनेश कुमार, सहायक निदेशक संजय कुमार, आकाशवाणी, दूरदर्शन, आरओबी, एफओबी के अधिकारी एवं कर्मचारी सहित खेलों में रूचि रखने वाले अन्य लोग भी शामिल हुए।

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