दो दर्जन घरों में घुसा बाढ़ का पानी, हजारों एकड़ में लगी धान की फसल बर्बाद

ब्रजेश कुमार /आलमनगर, मधेपुरा/ कोसी बैराज से छोड़े गए अत्यधिकपानी का भयंकर रूप आलमनगर क्षेत्र में शुरू हो गया है। प्रखंड क्षेत्र के आठ पंचायत में पानी का विकराल रूप अख्तियार कर लेने से लोगों में भारी दहशत व्याप्त है वही प्रखंड मुख्यालय से दर्जनों गांव का जहां सड़क संपर्क भंग हो गया है साथ ही हजारों एकड़ में लगी धान की फसल डूबने से र्बबाद हो गई है।

प्रखंड के रतवारा, खापुर, गंगापुर, बड़गाँव, इटहरी, कुंजोड़ी, आलमनगर दक्षिणी, आलमनगर पूर्वी पंचायत में बाढ का पानी फैल गया है वहीँ रतवारा पंचायत के मुरौत के शिव मंदिर टोला के लगभग र्दजनों घरों सहित छतौना वासा के र्दजनों घरों में पानी आ जाने से अपने सामान के साथ उँचें जगहों पर शरण लेने के लिए पोलिथीन का तंबु गाड रहें हैं .बाढ़ के कारण लोगों को भारी समस्याओं से रूबरू होना पड़ रहा है वहीं दर्जनों गांव के घरों के चारों ओर पानी आ जाने से लोग परेशान है. ज्ञात हो कि पिछले चार दिनों से कोसी बैराज से लगातार अत्यधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद पानी का दबाव आलमनगर प्रखंड के दक्षिणी हिस्से में विकराल रूप अख्तियार कर लिया है। इस वजह से लोग सकते में है .

खासकर धान लगाने वाले किसान के समक्ष भारी समस्या उत्पन्न हो गई है .इस बाबत किसानों का कहना है कि अभी धान की रोपाई समाप्ति कर पाया हूं कि पानी धान के खेतों में आ गई है एवं धान डुब गई है जिससे अब धान की उम्मीद खत्म होने लगी है .वहीं मुरौत में हुए कटाव से विस्थापित परिवार जो शिव मंदिर टोला में आकर बस गए हैं उन परिवारों के घरों में पानी आ जाने से उनके समक्ष गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है. लोग अपने सामान को ऊंचे जगहों पर ले जाते देखे गए.

शिव मंदिर टोला के शंकरदेव ,दाहो मल्लिक ,सुभाष सिंह, जामुन ऋषि देव, हीरो शर्मा ,विनीत सिंह,दिनेश सिंह ,नरेश सिंह सहित अन्य लोगों ने बताया कि पानी की रफ्तार ज्यादा बढ़ गई है एवं पानी हम लोगों के आंगन एवं घरों में प्रवेश कर गया है जिससे भारी समस्या उत्पन्न हो गई है .खासकर पशुओं के चारा का संकट इस क्षेत्र में आ गया है. लोग पशुओं के चारा के लिए नाव का सहारा लेकर अपनी जान जोखिम में डालकर घास लाकर किसी तरह अपनी मवेशी की रक्षा करने में लगे हुए हैं ।वही कई पशुपालक अपने पशुओं को लेकर जाते देखे जा रहे हैं।

शिव मंदिर टोला के सुभाष सिंह ने बताया कि आवागमन के लिए अब नाव ही हम लोगों का सहारा बना है खासकर मुरौत गांव से जो कटाव से बच गए हैं एवं कटाव से विस्थापित परिवार जो भरही धार से दक्षिण में शिव मंदिर टोला के पास बसे हुए हैं उनके बच्चों को विद्यालय जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है क्योंकि भरही धार मैं 2008 में आई बाढ़ के कारण पुल बह जाने के कारण अभी तक पुल का निर्माण नहीं होने से अपनी जरुरत के सामान के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है।

इस बाबत अंचलाधिकारी आलमनगर मनोरंजन कुमार मधुकर ने बताया कि बाढ पर पैनी नजर प्रशासन की है ऊँचे जगह को चिन्हित कर लिया गया है फिलहाल लोगों के आवागमन हेतु 33 नाव का परिचालन किया जा रहा है।