दो दिवसीय वार्षिक सत्संग आयोजित, प्रवचन सुनने के लिए श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

मो० मुजाहिद आलम/कुमारखंड, मधेपुरा/ प्रखंड के रामनगर महेश पंचायत के वार्ड 13 स्थित हाई स्कूल से पूरब मैदान में आयोजित दो दिवसीय संत कबीर दास जी के पांचवा वार्षिक सत्संग का विधिवत शुरुआत मंगलवार को कर दिया गया। संत कबीर के गुरु वाणी और भजन कर्तन के साथ शुरू हुए सत्संग के पहले दिन मुख्य वक्ता क्रांतिकारी विचारक रामाशंकर साहेब ने सत्संग की शुरुआत करते हुए कहा कि कबीर साहेब संत सम्राट ही नहीं बल्कि मानवीय मूल्यों की रक्षार्थ तथा समाजिक एकता के प्रतीक थे जो विषमता व कुरीतियों के खिलाफ अपनी वाणी से जीवों को चेताने का काम किया।

जीवन व मिशन के संबंध में विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि कबीर मार्गी पंचशील के सिद्धांत पर चलकर ही मानव व विश्व का कल्याण कर सकते है। उन्होंने कहा कि जीव हत्या, चोरी, पर स्त्री पर पुरूष का गमन, झुठ व किसी भी प्रकार के नशा के उपयोग वर्जित है। कबीर मानवतावादी, समतावादी, संत सम्राट थे। उन्होंने कहा कि कबीर साहेब हिन्दी कविता के इतिहास में प्रथम विद्रोही जनकवि ही नहीं समाजिक अन्याय, विषमता के खिलाफ अनवरत अपनी वाणी से वेचारी क्रांति की अलक जगाते रहे। बिना सद्गुरु के जीवन निष्फल हैं एक साधारण वस्तु के ज्ञान की प्राप्ति के लिए भी गुरू करना पड़ता है। जिसे कल्याण की इच्छा हैं उसे यर्थाथ सद्गुरु की खोज करनी चाहिए। बिना पथ प्रदर्शक सद्गुरु के मानव का कल्याण नहीं हो सकता परन्तु सद्गुरु का चुनाव बहुत सावधानी से करना चाहिए। प्रत्येक मनुष्य के जीवन में चरित्रबल और विलाश का अनवरत संघर्ष रहता हैं भारत वर्ष धर्म प्रधान देश हैं जहां धर्म की सिद्धी ब्रह्मचर्य से होती हैं।

इस अवसर पर विजय साहेब, रामस्वरूप साहेब, विष्णुुु देव दास सहित अन्य्य संत ने भीी अपने प्रवचन केे माध्यम से कबीर दास जी के बताए मार्ग की व्याख्या करते हुई उस पर चलने की बात कही। मौके पर आयोजन समिति के अध्यक्ष विमल चंद्र झा, सचिव सीताराम राय, बिहारी दास, रामी दास, महरगी दास, जगदीश दास, बिरंची दास, किनु दास, महेश्वर राय, उपेंद्र मंडल, कमलेश्वरी शर्मा, प्रभु नारायण ठाकुर सहित अन्य कबीर मत के अनुयाई और सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे |