विश्वकर्मा पूजा को लेकर मची धूम, बाजार में उमड़ी खरीदारों की भीड़

देर रात तक चला पूजन कार्यक्रम

चौसा, मधेपुरा/चौसा के कई विभिन्न चौक-चोराहों सहित कई प्रतिष्ठानों में आदिशिल्पी भगवान विश्वकर्मा पूजा धूमधाम से मनाया जा रहा है। पूजा को लेकर कई जगहों पर भव्य पंडाल का निर्माण किया गया है। पिछले साल कोरोना काल के कारण सार्वजनिक रूप से विश्वकर्मा पूजा नहीं मनायी जा सकी थी। लेकिन इस बार पूजा को लेकर लोगों में काफी हर्ष का माहौल है।

हर साल एक ही दिन बाबा विश्वकर्मा की पूजा की जाती है। खासकर वैसे लोग जो धातुओं से बने वस्तुओं को कारोबार करते हैं। उनके लिए विश्वकर्मा पूजा काफी महत्वपूर्ण माना गया है। जिसको लेकर इस दिन लौह-प्रतिष्ठानों, मोटर-गैरेज, मोटरसाईकल शोरूम, हार्डवेयर, मोबाइल,फैक्ट्रियां, वर्कशाप, शिल्पकार, गैरेज,
प्रतिष्ठान सहित अन्य संबंधित प्रतिष्ठानों में श्रद्धा के साथ शिल्पकार भगवान विश्वकर्मा की पूजा की गई। इसके अलावे पावर हाउस,एस मोटर्स,टीवीएस शो रूम,प्रभा ऑटोमोबाइल, युवा एचपी ग्रामीण गैस वितरक,कुमार ऑटोमोबाइल,टेलीफोन कार्यालय में लोगों ने सादगी के साथ पूजा अर्चना कर प्रसाद वितरित किया। साथ ही भगवान विश्वकर्मा से सुख समृद्धि की कामना की।

वहीं दूसरी तरफ पूजा की तैयारियों को लेकर बाजार में खरीददारों की भारी भीड़ देखने को मिली। पूजा पंडालों को आकर्षक रूप से सजाने के लिए लोग फूल मालाओं, आकर्षक लाइटों व आर्टिफिशियल फूल पत्तों सहित कई सजावट के सामानों की खरीददारी करते दिखें। घरों व छोटे प्रतिष्ठानों में पूजा अर्चना के लिए लोग तस्वीरों की खरीददारी ले जाते दिखें। छोटी एवं बड़ी वाहन को धुलवाने के लिए अहले सुबह से भीड़ लगी रही।विश्वकर्मा पूजा को लेकर देर रात तक चला पूजन कार्यक्रम।कई स्थानों पर भक्ति कार्यक्रम एवं शिव चर्चा का भी आयोजन किया गया।

पुरोहित शंभू झा,मनोज शर्मा,मोहन पंडित ने बताया कि आज 17 सितंबर को देशभर में विश्वकर्मा जयंती मनाई जा रही है।आज ही के दिन भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था।इस दिन भगवान विश्वकर्मा की धूम-धाम से पूजा-अर्चना की जाती है।विश्वकर्मा के जन्मदिन को हर साल बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है।यह हर साल कन्या संक्रांति के दिन ही मनाई जाती है।भगवान विश्‍वकर्मा को दुनिया का सबसे पहला इंजीनियर और वास्तुकार माना जाता है। इसलिए इस दिन उद्योग और फैक्ट्री में पूजा की जाती है।उन्होंने ही ब्रह्मा जी के साथ मिलकर सृष्टि रचाई थी।

उन्होंने बताया कि हिन्दू मान्यताओं के अनुसार भगवान ब्रह्मा जी द्वारा सृष्टि निर्माण में बाबा विश्वकर्मा ने अपना सहयोग किया था। देवी देवताओं के अस्त्र-शस्त्र का निर्माण भी बाबा विश्वकर्मा के द्वारा किया गया है। सृष्टि निर्माण के बाद से ही बाबा विश्वकर्मा की पूजा अर्चना की जाने लगी।