रेलवे स्टेशन की सुरक्षा चौकीदार के भरोसे, बीजेपी कार्यालय के सुरक्षा में एसएसबी के 30 जवान और दो अधिकारी

मधेपुरा/ अग्नीपथ योजना के विरोध में जारी आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार की संपत्तियों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इसी क्रम में मधेपुरा रेलवे स्टेशन पर 5 चौकीदार, 5 सिपाही, एक इंस्पेक्टर और एक मजिस्ट्रेट की तैनाती की गयी है। जबकि पूर्व से यहां 3 जीआरपी और 3 आरपीएफ तैनात थे। लेकिन इसके बाद सबसे ज्यादा सुरक्षा जहां देखी जा रही है वह भाजपा कार्यालय में हैं। यहां एसएसबी के 32 जवानों और अधिकारियों को तैनात किया गया है । जो कार्यालय के बाहर और कार्यालय के ऊपर तैनात है। कार्यालय पर एसएसबी की तैनाती और रेलवे स्टेशन की सुरक्षा चौकीदार के भरोसे होने पर विपक्षी दलों ने सरकार और प्रशासन पर निशाना साधा है।

सीपीआई के राष्ट्रीय परिषद सदस्य प्रमोद प्रभाकर ने बताया कि या नजारा स्पष्ट करता है कि सरकार की प्राथमिकता क्या है। करोड़ों की राष्ट्रीय संपत्ति की सुरक्षा चौकीदार कर रहे हैं जबकि एक खास पार्टी के कार्यालय की सुरक्षा में केंद्रीय सुरक्षा बल को लगा दिया गया है। वही यह मुद्दा सोशल मीडिया पर भी बहस का मुद्दा बन गया और इसकी काफी चर्चा हो रही है । लोग दोनों जगहों की फोटो लगाकर अपने सोशल साइट पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। इस संबंध में एसपी राजेश कुमार ने बताया कि मुख्यालय के आदेश पर एसएसबी के जवानों को मधेपुरा भेजा गया है। भाजपा कार्यालय में तैनाती के सवाल पर उन्होंने बताया कि आदेश में भाजपा कार्यालय को सेंसेटिव स्थल के रूप में चिन्हित किया गया है। साथ ही वहां जवानों के आवासन की भी व्यवस्था हैं इसलिए सभी को वहां रखा गया है। विशेष परिस्थिति में जरूरत के मुताबिक उन्हे अन्य जगह भी लगाया जा सकता है।

रेलवे स्टेशन पर तैनात सुरक्षाकर्मियों के संबंध में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जब तक माहौल शांत नहीं हो जाता तब तक या व्यवस्था जारी रहेगी।

अब इधर सोशल मीडिया पर भी इस मामले को लेकर बहस छिड़ गया है।लोगों के द्वारा दोनों तस्वीर को चस्पा कर कटाक्ष किया जा रहा है तो वहीं विपक्ष के लोग जमकर हमला बोल रहे है।