6 दिनों से नगर परिषद कार्यालय में लटका है ताला, कामकाज ठप्प

मधेपुरा/ नगर परिषद कार्यालय में बीते छह दिनों से ताला लटका हुआ है और काम काज पूरी तरह से ठप्प है । नगर परिषद के कर्मी और अधिकारी कार्यालय के बाहर ही कुर्सी डालकर पहरेदार की तरह दिन काटने को मजबूर है । कार्यालय के बाहर कर्मियों के साथ कुर्सी पर बैठे नगर प्रबंधक नजमुल जफर से इस बाबत पूछने पर बताया कि बीते छह दिनों से अधिकांश वार्ड पार्षदों के द्वारा अपनी मांगों के समर्थन में अनिश्चितकालीन आंदोलन के तहत कार्यालय में तालाबंदी कर विरोध प्रदर्षण किया जा रहा है । जिस वजह से कार्यलय का कार्य पूरी तरह से बाधित है । कार्यलय के मुख्य द्वार पर ही तालाबंदी की वजह से बाहर ही बैठकर जो कार्य मौखिक रूप से हो सकता है ऐसे कार्य का निष्पादन करने का प्रयास किया जा रहा है ।

इस मामले में कार्यपालक पदाधिकारी अजय कुमार ने फोन पर नगर परिषद के कामकाज ठप्प होने से इंकार किया है .उन्होंने कहा जो भी कामकाज चल रहा था पूर्व की भांति चल रहा है जब उनसे पूछा गया कि कार्यालय के मुख्य गेट में ही तालाबंदी है तो फिर कामकाज कैसे चल रहा है और नगर परिषद के नए कार्यालय का पता क्या है तो उन्होंने बात को टालते हुए कहा कि दो-चार दिन में सब ठीक हो जाएगा ।

दरअसल मामला मुख्य पार्षद के चयन का है .बीते 6 अगस्त को तत्कालीन मुख्य पार्षद सुधा कुमारी के खिलाफ बहुमत से अविश्वास प्रस्ताव पारित किया गया था जिसके बाद अब तक मुख्य पार्षद की कुर्सी खाली पड़ी है. मुख्य पार्षद सुधा कुमारी के विरोध में 22 पार्षदों के द्वारा पारित किए गए. अविश्वास प्रस्ताव के महीनों बीतने के बाद भी मुख्य पार्षद की चयन नहीं होने से आक्रोशित वार्ड पार्षदों ने नगर पार्षद संघर्ष समिति के बैनर तले बीते 18 सितंबर से चरणबद्ध तरीके से अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू किया. आंदोलन के पहले दिन से ही नगर परिषद कार्यालय के मुख्य गेट पर तालाबंदी कर कामकाज को पूरी तरह से बाधित कर दिया गया है तो वहीं प्रत्येक दिन तरह तरह से वार्ड पार्षदों के द्वारा शहर में प्रदर्शन किया जा रहा है।