सुपौल:गेड़ा नदी में पूल नहीं बनने के कारण चचरी पुल से जान हथेली पर रखकर आवागमन करते है ग्रामीण

संजय कुमार भगत

कोसी टाइम्स@छातापुर,सुपौल

झखारगढ़ पंचायत के बीचोंबीच प्रवाहित होने वाली गेड़ा नदी में पुल नहीं होने के कारण लोगों को चचरी पुल के सहारे नित्य जान जोखिम में डालकर आवागमन करना पड़ता है। इसके बाबजूद लोगो की समस्या समाधान के लिए जनप्रतिनिधि और अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे है | इसको लेकर टोला के लोगों में गुस्सा है। लोगों ने बताया कि इस क्षेत्र के बीमार मरीज को भी चचरी पुल से जैसे तैसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जाता है | लेकिन ग्रामीणों की समस्या के समाधान को लेकर कोई ध्यान नही दे रहे है।

जानकारी अनुसार गांव के मध्य भाग में नदी पड़ने के कारण दोनों भागों के लोगों को इस पार से उसपार आना जाना नित्य पड़ता है | क्योंकि हाट भी नदी के इस पार ही है जबकि स्कूल उसपार है | लोगों ने बताया कि नित्य चचरी पुल के सहारे आवश्यक समान लेकर नदी पार करने में लोगों को काफी दिक्कत होती है | जबकि स्कूली बच्चों को भी चचरी के सहारें ही नित्य स्कुल जाना पड़ता है | छोटे बच्चों को भी स्कूल भी भेजने में हमेशा भय बना रहता है |

लोगों ने बताया कि शिवनी हाट पर ही मुस्लिम टोला जाने के लिये भी लोगों को चचरी पुल ही सहारा बना हुआ है। बताया कि समस्या समाधान के लिए सांसद विधायक समेत पदाधिकारी का दरवाजा कई बार खटखटाया गया है | लेकिन समाधान के दिशा में अब तक कोई पहल नहीं हो सका है | लोगों ने कहा कि ठंड और बारिश के समय इस चचरी पुल से आवागमन करने में काफी परेशानी होती है | खासकर शादी विवाह को लेकर इस पंचायत के लोगों को भारी दिक्कत होती है |

लोगों ने बताया कि सामने से दिखने वाला सीधा बाजार जाने के लिए लोगों को दूसरे रास्ते से धूम कर 6 किलो मीटर के बदलें 17 किलोमीटर की दुरी तय करनी पड़ती है | लोग सीधा मार्ग को छोड़कर गिरिधर पट्टी मोहनपुर से लोगों को आवागमन वाहन के माध्यम से करना पड़ता है | लोगों ने बताया कि पुल के आभाव में लोगों को काफी परेशानी होती है | स्थानीय, महेद सिंह, सर्वजीत सिंह, पिंकू कुमार, पंकज कुमार, प्रतिभा देवी, पंकज सिंह, मनोज कुमार, मुन्ना कुमार, अजीम, सोनू कुमार, ललन कुमार आदि लोगों ने कहा कि कई बार नदी में पानी के बढ़ने से चचरी पुल भी क्षतिग्रस्त होकर बह भी जाता है | इसके बाद लोगों की मुश्किल और बढ़ जाती है। समाधान को लेकर जैसे तैसे ग्रामीण स्तर से चचरी की मरम्मती करवायी जाती है|