जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में निकाला गया विशेष जागरूकता रथ

मधेपुरा/ आम लोगों को विधिक सहायता प्रदान करने को लेकर जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से विशेष जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। इसको लेकर 2 अक्टूबर से 14 नवंबर तक अमृत महोत्सव यात्रा निकाली गई है। रविवार को जिला जज रमेश चंद मालवीय ने जागरुकता रथ को व्यवहार न्यायालय परिसर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

इस अवसर पर बताया गया कि न्यायालय में लंबित वादों का निर्णय के अलावा मध्यस्थता, सुलह व न्यायिक समझौता/लोक अदालत से निबटारा हो सकता है। इन तीनों तरह से वादों के निष्पादन से कई लाभ हैं। वकील का खर्च नहीं होता है। किसी पक्ष को सजा नहीं होती है। मामले का बातचीत के सुलह सफाई से हल कर लिया जाता है। कोई कोर्ट फीस नहीं लगती है। मुआवजा और हर्जाना तुरंत मिल जाता है। पुराने मुकदमे की कोर्ट फीस दोनों पक्ष को वापस मिल जाती है। मामले का निबटारा तुरंत मिल जाता है।

बताया गया कि लोक अदालत के लाभ के लिए कोई मुकदमा किसी दीवानी अदालत में हो और दोनों पक्ष इसे जल्द खत्म करना चाहते हैं तो संबंधित अदालत को एक आवेदन दें। लिखें कि हम इसे लोक अदालत में ले जाना चाहते हैं। न्यायाधीश उसे तुरंत लोक अदालत में प्रेज है। किसी फौजदारी मुकदमे में (जो गंभीर न हो) अगर दोनों पक्ष समझौता करना चाहते हैं तो मिलकर आवेदन दे दें। मामला लोक अदालत में भेज दिया जाएगा। अगर एक पक्ष भी अपने चल रहे मुकदमे को लोक अदालत में ले जाना चाहें तो आवेदन दे सकते हैं। न्यायाधीश या पदाधिकारी ठीक समझें तो इस अदालत में भेज सकते हैं।

अगर संबंधित न्यायाधीश या पदाधिकारी चाहें तो अपनी मर्जी से भी मुकदमे को लोक अदालत में भेज सकते हैं। अगर आप बिना किसी अदालत में गए किसी मामले में सीधे लोक अदालत में ले जाना चाहते हैं, तो यहां आवेदन दें। लोक अदालत चाहे तो दूसरे पक्ष को बुलाकर बिना मुकदमे के मामले का निपटारा कर सकती है। किसी मामले में निपटारा होना संभव न हो तो लोक अदालत इसे संबंधित अदालत में वापस भेज सकती है।

इस कार्यक्रम में अमित कुमार, निशिकांत कुमार, राज कुमार पासवान, पीएलबी दिवाकर कुमार, कुंदन कुमार, पीएलबी अर्चना कुमारी, अधिवक्ता पंकज कुमार,ऋषिकेश कुमार, पूर्व पार्षद सह गैर न्यायिक सदस्य लोक अदालत मधेपुरा ध्यानी यादव आदि मौजूद थे।