सुभाष चन्द्र झा
कोसी टाइम्स@सहरसा
पुरुष नसबंदी के बाद शारीरिक कमजोरी आती है। इसके बाद पहले की तुलना में यौन कमजोरी भी आ जाती है। कुछ ऐसे ही सामाजिक मान्यताओं के कारण पुरुष नसबंदी अपनाने में लोग हिचकिचाते हैं।इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरंतर प्रयास भी किए जा रहे हैं।इस कड़ी में 21 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक पुरुष नसबंदी पखवाड़ा भी मनाया जा रहा है। इस दौरान अधिक से अधिक लोगों को पुरुष नसबंदी के विषय में जागरूक भी किया जा रहा है।
पुरुष नसबंदी के लिए योग्यता
लाभार्थी की उम्र 22 वर्ष से कम ना हो । लाभार्थी शादी-शुदा हो । लाभार्थी की उम्र 60 वर्ष से कम हो ।लाभार्थी की एक संतान हो जिसकी उम्र नसबंदी के समय कम से कम 1 साल हो ।मानसिक तौर पर बीमार लाभार्थी मनोरोगी चिकित्सक द्वारा प्रमाणित हो ।
पुरुष नसबंदी है बिल्कुल सुरक्षित
बिना टांका एवं चीरा 1 घण्टे के भीतर होता है नसबंदी । नसबंदी के बाद किसी भी प्रकार की शारीरिक एवं यौन दुर्बलता नहीं होती ।नसबंदी के बाद अस्पताल में रहने की जरूरत नहीं होती । नसबंदी के बाद किसी भी प्रकार के दूरगामी स्वास्थ्य जटिलताएं नहीं होती ।
नसबंदी के बाद इन बातों का रखें ख्याल: पुरुष नसबंदी के शुरूआती 3 महीने तक गर्भनिरोधक साधन का इस्तेमाल जरुर करें. 3 महीने तक असुरक्षित यौन संबंध बनाने से बचें । यौन संक्रमण एवं एचआईवी-एड्स जैसे रोगों से बचने के लिए नसबंदी के बाद भी कंडोम का इस्तेमाल जरुरी है।नसबंदी कराने के बाद इसे पुनः सामान्य नहीं किया जा सकता. इसलिए तय करने के बाद ही नसबंदी करायें ।पुरुष नसबंदी बिल्कुल सुरक्षित है. इसलिए इसे कराने के बाद किसी भी प्रकार का नकारात्मक विचार मन में नहीं लायें ।