सीबीएससी की 12 वीं परीक्षा में चौसा की शिवानी एवं निखिल ने किया टॉप ,घर में खुशी का माहौल

प्रिंस आईआईटी के बाद सिविल सेवा में जाना अपने आप को उचित समझते हैं जबकि शिवानी सिविल सेवा में जाना अपना लक्ष्य मानती हैं

चौसा, मधेपुरा संवाददाता

सफलता किसे अच्छी नही लगती है और लोग सफल होने के लिए रात दिन मेहनत भी करते है ऐसे में जिनके इरादे और हौसले बुलंद हो तो निश्चित ही वे लोग अपने लक्ष्य को प्राप्त करते है और सबके लिए सफलता की एक नई मिशाल पेश करते है।इसी मिशाल को कायम किया है चौसा की शिवानी कुमारी ने। शिवानी ने सीबीएससी इंटर की परीक्षा में सर्वोत्तम 401अंक लाकर 80 प्रतिशत से प्रथम श्रेणी से पास किया है जबकि भवनपुरा बासा के निखिल कुमार प्रिंस ने 431 अंक लेकर 84.4 प्रतिशत से प्रथम श्रेणी पास किया है।परीक्षा पास करने की खुशी से फूला नहीं समा रही है। घर में उत्सव का माहौल दिख रहा है और वे अपने इस परिणाम का श्रेय माता-पिता एवं गुरुजनों को दे रही है।शिवानी कहती है कि मेरा अगला लक्ष्य सिविल सेवा की है मैं उसी की तैयारी करूंगी। मैं पापा एवं मम्मी से वादा किया था कि मेरा प्रदर्शन बारहवीं में बेहतर रहेगा। जिसे मैंने कर दिखाया।


विद्या बिहार पुर्णिया से अपनी पढ़ाई करने वाली शिवानी कहती हैं पेपर शुरू होने के पहले हार्ड सब्जेक्ट्स पर फोकस किया। मैंने सोचा नहीं था कि इतना अच्छा रैंक आयेगा।
मैंने बस इतना सोचा था कि अच्छा करना है और अच्छे अंक लाने हैं।सुबह चार बजे उठ जाती हूं और 3-4 घंटे पढ़ाई करती हूं। शिक्षकों ने काफी मदद की।मेरी सफलता में शिक्षकों का भी बड़ा रोल रहा।क्लास में रेगुलर करती थी।शिवानी कहती हैं कि “जिंदगी का संघर्ष आपको जीने की ताकत देगा। मुख में मुस्कान बिखेरेगा। जीवन की संतुष्टि के लिए मेहनत और संघर्ष सबसे आवश्यक होते हैं। आप कुछ भी कर लें, बिना संघर्ष के आपके जीवन की नैय्या को  किनारा नहीं मिलने वाला। जब जीवन का सबसे मूल्यवान सच संघर्ष ही है तो हममें से हर किसी को इससे बचने की कोशिश नहीं करना चाहिए।”


श्री चेतन्या टेक्नो स्कूल विशाखापत्तनम से अपनी पढ़ाई कर रहे निखिल ने बताया कि मेरी सफलता का श्रेय मेरे पिता प्रमोद पासवान,माँ वीणा रानी एवं शिक्षकों को जाता है।जिन्होंने मुझ पर भरोसा किया और मैंने भरोसा को कायम रखा।प्रिंस के माता पिता दोनों पेशे से शिक्षक हैं। गणित विषय में रुचि रखने वाले प्रिंस आईआईटी के बाद सिविल सेवा में जाना अपने आप को उचित समझते हैं। उन्होंने कहा कि आईआईटी के बाद में सिविल सेवा की तैयारी करूंगा यही मेरा लक्ष्य होगा।

प्रिंस कहते हैं कि” सुबह बनने के लिए हर शाम को ढ़लना होता है ।
बनने के लिए मोती बर्फ को पिघलना होता है।
हाथ पर हाथ धर कर ही बैठे मत रहो तुम ।
सफलता पाने के लिए मंजिल हर इंसान को चलना होता है।”

शिवानी एवं निखिल की इस सफलता पर वासुदेव गुप्त,शिक्षक गौतम कुमार गुप्त, माला कुमारी कंचन, सत्यप्रकाश गुप्ता विदुरजी, सुधा गुप्ता,शिवम कुमार,स्वाति कुमारी, युवा समाजसेवी अभिनंदन मंडल,मनौवर आलम, तारिणी पासवान, प्रमोद पासवान, बीना रानी,सुमित्रा देवी,सामाजिक शैक्षणिक कल्याण संघ के अध्यक्ष याहिया सिद्दीकी,सचिव संजय कुमार सुमन,जवाहर चौधरी,आशीष कुमार,राहुल यादव,शेफाली कुमारी, प्रेरणा कुमारी,कुमार साजन,नौशाद आलम,इमदाद आलम,संजय कुमार आदि ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए शिवानी एवं निखिल को बधाई दी है।