मधेपुरा के शंकरपुर में बदस्तूर जारी है शराब निर्माण और सेवन

निरंजन कुमार 
शंकरपुर, मधेपुरा .
बिहार सरकार भले ही बिहार में पूर्ण शराब बंदी लागू कर लोगो के बीच अमन चैन लाने की प्रयास कर रही है लेकिन स्थिति ठीक नही है. इसको लेकर समय समय पर अधिकारियों को शपथ भी दिलाया जाता रहा है  लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण इन दिनों  प्रखंड क्षेत्र में हो रहे अवैध शराब के कारोबार और निर्माण जोड़ो पर है.
युवा वर्ग शराब के नशे का शिकार हो रहा है जिसकी बानगी थाना क्षेत्र के जिरवा मधेली पंचायत के वार्ड नं 5 मोजमा के कुछ युवाओ के द्वारा शराब सेवन करने का वीडियो है. यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से वायरल भी हो रहा है. वायरल हो रहे फोटो ओर वीडियो में देखा जा रहा है कि युवा  बेखबर होकर शराब का पैक लगा रहे है  .मालूम हो कि  प्रखंड क्षेत्र के कई गॉवो में भारी पैमाने पर चुलाई शराब का निर्माण धरल्ले रूप से चल रहा है  साथ ही हरियाणा, पंजाब,दिल्ली, झारखंड,बंगाल और नेपाल में निर्मित अंग्रेजी व देशी शराब की खेप पहुचती है जो क्षेत्र में धरल्ले से बिक रही है .
पियक्कड़ों को एक फोन कॉल पर आसानी से शराब उपलब्ध हो जाती है .ऐसे टोलो में शाम होते ही पीने वालों की जमावड़ा लगना शुरू हो जाता है जो देर शाम तक चलते रहता है .हालांकि समय समय पर ऐसे टोलो में शराब कारोबारी के धरपकड़ के लिए पुलिस के द्वारा छापेमारी भी की जाती है  फिर भी अवैध शराब कारोबारी अपने कारोबार को करने में पीछे नही है जिस बजह से शाम के समय मे हरेक चोक चौराहों पर शराबियों ओर शराब कारोबारियों  की चहलकदमी देखने को मिलती है.
पुलिस सूचना पर तत्काल नही करती सुनवाई
विश्वशनीय सूत्रों की माने तो ग्रामीणों के द्वारा शराब कारोबार व शराब निर्माण करने की सूचना पुलिस को देने के बाद तत्काल एक्सन में नही आती है जिस बजह से शराब कारोबारी को पुलिस आने की भनक पुलिस पहुचने से पहले लग जाती है और पुलिस को बेरंग वापिस लौटना पड़ता है .मालूम हो कि प्रखंड क्षेत्र के गिद्धा,निशिहरपुर,लाही सहित अन्य गांवों में भारी पैमाने पर चुलाई शराब का निर्माण सुबह और शाम के समय मे  धरल्ले से किया जाता है .शराब चुलाई के कार्य मे कारोबारी के द्वारा बच्चो और महिलाओं को लगाया जाता है .
प्रतिबंधित कोडीन युक्त दवा का सेवन युवा करने लगे है नशे के रूप में
थाना क्षेत्र में कम उम्र के युवा शराब के साथ साथ प्रतिबंधित दवाई का उपयोग भी नशा के रूप में करने लगा है जिसकी बानगी शाम ढलते ही थाना  से चंद कदमो के दूरी पर चल रहे पान और चाय दुकान पर युवा के द्वारा देखा जाता रहा है लेकिन इस ओर पुलिस को ध्यान देने के बजाय मूकदर्शक बनी हुई है जिस वजह से आये दिन इन चाय और पान दुकानों पर नशे के सामग्री लेन देन के चक्कर बाद विवाद होने आम बात है.
पुलिस जांच के नाम पर करती है खाना पूर्ति
शराब निर्माण और बिक्री के सूचना देने वाले को ही पुलिस पदाधिकारी से डांट फटकार सुनना पड़ता है एक सूचक ने नाम नही छापने के शर्त पर बताया कि जब भी सिंहेश्वर या शंकरपुर पुलिस को शराब कोरोबरी की सूचना दिया जाता है तो एक तो समय से नही आते है जिस बजह से कारोबारी कारोबार करने में सफल हो जाते है दूसरी ओर पुलिस को सूचना देने के बाद उलटे पुलिस के द्वारा डांट सुननी पड़ती है.